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न्यूज क्लिपिंग्स् | उत्तरी सेना के कमांडर लद्दाख पहुंचे, भारत और चीन में तनाव के बीच सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई

उत्तरी सेना के कमांडर लद्दाख पहुंचे, भारत और चीन में तनाव के बीच सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई

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published Published on Jun 2, 2020   modified Modified on Jun 2, 2020

-द प्रिंट,

उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई.के. जोशी मंगलवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़ते तनाव के बीच स्थिति की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे. इस तनाव ने सेना को क्षेत्र में दो अतिरिक्त डिवीजन स्ट्रेंथ-लेवल फोर्स भेजने पर मजबूर किया है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में स्थानांतरित किए गए अधिकांश सैनिक अब अभ्यस्त हो गए हैं और अब उन्हें गलवान घाटी, बड़े हॉट स्प्रिंग एरिया और पैंगोंग झील के फिंगर एरिया के साथ चीनी बिल्ड-अप का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया है.

कम से कम तीन अलग-अलग स्थानों से लद्दाख में स्थानांतरित किए गए ब्रिगेड में तोपें भी हैं और भी कई सामान भेजे गए हैं.

जबकि 14 कोर्प्स, लद्दाख की देखभाल करने वाला सेना प्रभाग, तोप, कवच, लोगों और भंडार से पर्याप्त रूप से सशस्त्र हैं. बड़ा रिसर्व बनाने और आगे की तैनाती के लिए अधिक सैनिकों को लाया गया है.

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने भी लद्दाख में सुखोई और मिराज के साथ अपनी उड़ान बढ़ा दी है क्योंकि चीनियों ने अपनी तरफ से उड़ान बढ़ा दी है.

एक सूत्र ने कहा, ‘जो हो रहा है वो दर्पण परिनियोजन जैसा है. चीन ने सैनिकों को बढ़ाया है और हम भी वहां पर्याप्त संख्या में हैं.’

भले ही वहां बिल्ड-अप हो, जैसा कि पहले दिप्रिंट द्वारा रिपोर्ट किया गया था लेकिन बातचीत के माध्यम से ‘सौहार्दपूर्ण समाधान‘ खोजने पर ध्यान दिया जा रहा है.

सैन्य स्तर के साथ-साथ सेना के स्तर पर, स्थापित चैनलों के माध्यम से वार्ता की जा रही है.

सूत्रों ने कहा कि गलवान और बड़े हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में स्थिति ‘कंट्रोल’ में है लेकिन असल समस्या पैंगोंग लेक के आसपास है.

पैंगोंग झील के उत्तरी बैंक का 134 किमी. हिस्सा हथेली की तरह बाहर निकला हुआ है और विभिन्न प्रोट्रूशियंस को ‘उंगलियों’ के रूप में जाना जाता है.

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार के कर संग्रह में कमी आने के कारण राज्यों को मिलने वाला फंड भी होगा प्रभावित

चीनी फिंगर 3 और 4 के बीच विवादित क्षेत्र में आए हैं और भारतीयों को आगे गश्त करने से रोकने के लिए टुकड़ी बनाने के साथ खाई जैसा निर्माण किया है.

यह विवाद इस तथ्य में निहित है कि भारत का दावा है कि एलएसी फिंगर 8 पर है जबकि चीनी कहते हैं कि यह फिंगर 2 पर है.

उत्तरी कमांडर ने लद्दाख का दौरा किया
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने मंगलवार सुबह तड़के लद्दाख के लिए उड़ान भरी और उनका वहां 14 कार्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह सहित वहां के कमांडरों के साथ कई बैठकें आयोजित करने का कार्यक्रम है, जो पिछले साल अक्टूबर में महत्वपूर्ण लद्दाख की कमान संभालने से पहले सैन्य खुफिया विभाग के महानिदेशक थे.

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कमान संभालने के बाद पूर्वी लद्दाख की पहली यात्रा की थी.

कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह से पहले 14 कोर्प्स कमांडर थे. वह इस फरवरी में उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बनने से पहले उत्तरी कमान में चीफ ऑफ स्टाफ थे.

हालांकि यह तुरंत ज्ञात नहीं था कि वह आगे के स्थानों का दौरा करेंगे या नहीं, तनाव बढ़ने के बाद इस क्षेत्र की यह उनकी दूसरी यात्रा है. उन्होंने इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे के साथ 22 मई को यात्रा की थी.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


स्नेहेश एलेक्स फिलिप, hindi.theprint.in/india/northern-commander-in-ladakh-indian-army-moves-more-troops-amid-standoff-with-china-galwan/143849/


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