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न्यूज क्लिपिंग्स् | आर्थिक सर्वेक्षण: जलवायु वित्त पर भारत का जोर, जी-20 में विकासशील देशों के रुख को मिलेगी मजबूती

आर्थिक सर्वेक्षण: जलवायु वित्त पर भारत का जोर, जी-20 में विकासशील देशों के रुख को मिलेगी मजबूती

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published Published on Feb 3, 2023   modified Modified on Feb 3, 2023

मोंगाबे हिंदी, 3 फरवरी

भारत ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए विकासशील देशों के लिए ग्रीन फाइनेंस (पर्यावरण को बचाने के लिए धन की व्यवस्था) की खातिर मुखरता से अपनी बात रखी है। इसमें कहा गया है कि विकासशील देश, विकास से जुड़ी प्राथमिकताओं और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के बीच फंस गए हैं। भारत ने अपना पक्ष ऐसे वक्त सामने रखा है जब वह जी-20 की मेजबानी संभाल रहा है।

आर्थिक सर्वेक्षण को आम बजट से पहले संसद के पटल पर रखा जाता है। इसमें अलग-अलग संकेतकों के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा दशा-दिशा के बारे में बताया जाता है। सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट एक फरवरी को पेश किया।

आर्थिक सर्वेक्षण का सातवां अध्याय जलवायु परिवर्तन को समर्पित है। इसमें भारत के दीर्घकालिक रुख को दोहराया गया है – धन की कमी से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में दिक्कतें आएँगी। जलवायु परिवर्तन मौजूदा दौर का सबसे चिंतनीय मुद्दा है। अध्याय में उल्लेख किया गया है कि भारत ने अपने बूते पर जलवायु कार्रवाई (क्लाइमेट ऐक्शन) की है। अगर विकसित देश भारत से और ज्यादा महत्वाकांक्षी जलवायु उपायों की अपेक्षा करते हैं, तो उन्हें इसमें फंड, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्र में मदद करनी होगी।

सर्वेक्षण में विकासशील देशों में क्लाइमेट ऐक्शन के लिए धन की व्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। “विकसित देशों में सार्वजनिक वित्त की बेहतर व्यवस्था है लेकिन उनका इरादा विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने का नहीं लगता है। उनमें बहुपक्षीय संस्थानों को अतिरिक्त पूंजी प्रदान करने की भूख भी नहीं है, ताकि वे ज्यादा कर्ज दे सकें या अधिक से अधिक संसाधन जुटा सकें।
पूरी खबर- मोंगाबे हिंदी


मोंगाबे हिंदी, 3 फरवरी https://hindi.mongabay.com/2023/02/03/indias-push-for-climate-finance-in-economic-survey-2023-reflects-its-stance-as-g20-president/
 

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