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न्यूज क्लिपिंग्स् | घरेलू उड़ानों की शुरुआत: ज्यादा किराया और उड़ान रद्द होने से परेशान मुसाफिर

घरेलू उड़ानों की शुरुआत: ज्यादा किराया और उड़ान रद्द होने से परेशान मुसाफिर

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published Published on May 28, 2020   modified Modified on May 28, 2020

-न्यूजलॉन्ड्री, 

कोरोना संक्रमण को कम करने के मकसद से लगाए गए लॉकडाउन के पूरे दो महीने बाद सोमवार 25 मई से देश में घरेलू उड़ानों की इजाजत मिली जिसके बाद एयरपोर्ट पर चहल-पहल नज़र आई. मुसाफिर अपने घरों को लौटने के लिए बेताब दिखे.

दोपहर के 12 बज रहे हैं. इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री के सामने फ्लाइट का इंतजार करने वालों की लम्बी भीड़ है. इन चेहरों पर इंतजार से ज्यादा घर पहुंचने की उत्सुकता नजर आती है. ज्यादातर लोग मज़बूरी में सफर करने की बात करते हैं.

कोरोना के डर के बीच जो लोग अलग-अलग शहरों से दिल्ली लौट रहे हैं उनके चेहरे पर घर वापसी की ख़ुशी आसानी से दिख जाती है. वहीं कुछ चहेरे हमें ऐसे भी मिले जिनपे मायूसी छायी थी. ये वो लोग थे जिनकी फ्लाइट अंतिम वक्त में रद्द होने की सूचना दी गई थी.

दो महीने के बाद दिल्ली का एयरपोर्ट खुला तो सबकुछ बदला-बदला नज़र आया. ज्यादातर लोग मास्क लगाकर ही वहां पहुंच रहे हैं. विमान कंपनियों द्वारा भी उन्हें मास्क और बाकी सुरक्षा के सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

टर्मिनल थ्री के जांच केंद्र के पास में दो मास्क और सेनेटाइजर की दुकानें भी खुल गई हैं. बड़े बैग स्कैनिंग मशीनें लगाई गई जिसमें सामान को सेनेटाइज किया जा रहा है. लोग खुद ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नज़र आते हैं. जो लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उन्हें पुलिस समझाती नजर आती है.

इसके अलावा पुलिस के कर्मचारी कंधे पर स्पीकर लेकर लगातार लोगों को आपस में दूरी बनाकर रहने की सलाह और हिदायत देते नज़र आते हैं.

मज़बूरी में महंगा सफर

दो महीने के इंतजार के बाद जब हवाई जहाज उड़ान भरने लगे तो उसके किराए ने कई लोगों को परेशान कर दिया. समान्य दिनों की तुलना में किराए में इजाफा कर दिया गया है, जिसका खामियाजा मुसाफिर भुगत रहे हैं.

बिहार के लखीसराय जिले के रहने वाले सौरभ कुमार दिल्ली के मुखर्जी नगर में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं. दो महीने से दिल्ली में फंसे थे.

सौरभ बताते हैं, ‘‘जैसे तैसे काम चल रहा था. खाना बनाने वाली नहीं आ रही थी तो मजबूर में रोजाना दाल-चावल खाते थे. 19 मई को मेरे दादाजी का निधन हो गया. मुझे उसमें जाना था, लेकिन कोई साधन नहीं मिल पाया. ट्रेन का टिकट कराने की कोशिश किया लेकिन वो भी नहीं मिला.’’

खाली पड़े एयरपोर्ट
सौरभ आगे कहते हैं, ‘‘जैसे ही मुझे जानकारी मिली की 25 मई से हवाई जहाज काम करने लगेंगे तो मैंने टिकट करा लिया. मैंने अब तक प्लेन में सफर नहीं किया था, लेकिन ये पता है कि दिल्ली से पटना तक का किराया समान्य दिनों में 3 हज़ार से चार हज़ार रुपए होता था, लेकिन मेरा टिकट 9 हज़ार रुपए का पड़ गया. पर क्या कर सकते हैं. मज़बूरी है. अब दादाजी के श्राद्ध कर्म में पहुंच जाऊंगा.’’

मुम्बई के लिए फ्लाइट का इंतजार कर रहे सम्राट ने हमें बताया, ‘‘मुझे मुंबई जाना है क्योंकि मेरे भाई को हार्ट अटैक आया है. जिस दिन उन्हें अटैक आया उस दिन मैं गाड़ी से जाना चाह रहा था पर जा नहीं पाया. जब हवाई जहाज चलने की जानकरी मिली तो मैंने टिकट करा लिया. हालांकि अब उनकी स्थिति बेहतर है, लेकिन ऐसे हालात में मुझे वहां पहुंचना ही पहुंचना है.’’

सम्राट किराये को लेकर कहते हैं, ‘‘जहां तक किराये की बात है तो अभी मेरी जो स्थिति है वैसे में मैं पैसे नहीं देख रहा हूं. एक तरफ मेरा भाई बीमार है. ऐसे में मैं पैसे का ख्याल नहीं कर सकता हूं. हालांकि समान्य दिनों की तुलना में ज्यादा किराया वसूला जा रहा है. समान्य दिनों में मुंबई से दिल्ली आने में 3000-3500 का किराया लगता था, लेकिन अभी जो टिकट मिल रहा है वो 6,500 है. पर जाना है तो क्या ही किया जा सकता है.’’

उड़ीसा के भुवनेश्वर के रहने वाले 54 वर्षीय आरिफ गुजरात के अहमदाबाद में एक कंपनी में सिलाई का काम करते थे. उन्हें घर पर कुछ ज़रूरी काम से लौटना था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्हें जाने का कोई साधन नहीं मिला जिस वजह से वे वहां फंस गए. जैसे ही हवाई जहाज चलने की शुरुआत हुई वे अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचे और यहां से उन्हें भुवनेश्वर जाना है.

न्यूजलॉन्ड्री से बात करते हुए आरिफ बताते हैं, ‘‘मैं अहमदाबाद में एक कंपनी में सिलाई का का करता था. काम के आधार पर महीने का वेतन मिल जाता था. लॉकडाउन लगने के बाद से काम बंद हो गया. जो कमाकर बचाया था वो खाकर खर्च कर दिया. घर पर बहुत ज़रूरी काम है जिसका जिक्र मैं आपसे नहीं कर सकता, लेकिन जाना था तो घर से पैसे मंगाकर जा रहा हूं. कुल 14 हज़ार रुपए किराए किराए के रूप में खर्च हो रहे हैं. गांव से लड़के कर्ज लेकर पैसे मुझे भेजे हैं.’’

आरिफ ज़िन्दगी में पहली बार हवाई जवाज पर सफर किए वो भी कर्ज के पैसे से.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


बसंत कुमार, https://www.newslaundry.com/2020/05/27/flights-started-after-lockdown-in-india-ticket-cost


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