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न्यूज क्लिपिंग्स् | भारत में आई एक ही आपदा ने PM, CM, DM जैसे तीन बड़े शक्तिशाली लोगों की पोल खोल दी है

भारत में आई एक ही आपदा ने PM, CM, DM जैसे तीन बड़े शक्तिशाली लोगों की पोल खोल दी है

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published Published on May 23, 2020   modified Modified on May 23, 2020

-द प्रिंट, 

एक प्रमुख एवं जाने-माने सरकारी अधिकारी ने भारतीय शासन व्यवस्था के बारे में एक शानदार बात कही थी, कि यह तीन इंजनों से चलती है— पीएम, सीएम, और डीएम. यानी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जिला मजिस्ट्रेट. इस सटीक टिप्पणी के लिए मैं उन्हें जितना श्रेय दूंगा, उससे ज्यादा अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहूंगा. और यही चाहूंगा कि आगे मैं जो तर्क पेश करने जा रहा हूं उसका दोष उनके सिर न मढ़ा जाए.

उनकी टिप्पणी कोरोनावायरस के इस दौर की खोज नहीं है, बल्कि एक स्थापित व्यवस्था को रेखांकित करती है. इस महामारी के दौरान सरकारों ने ‘एपिडेमिक डीजीजेज़ एक्ट’ और ‘डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट’ का सहारा लेकर जो विशेष शक्तियां हासिल कर ली हैं, वे इस टिप्पणी को और प्रासंगिक बना देती हैं.

अब हमें इस सवाल पर विचार और बहस करने की जरूरत है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर पैदा हुई इस आपात स्थिति में इस तीन स्तरीय तानाशाही ने भारत का कुछ भला किया भी है या नहीं ? या इसके उलटे नतीजे ही निकले हैं, इसके कारण कुछ अराजकता ही फैली है, खासकर असंगठित कामगारों के मामले में?

पीएम-सीएम-डीएम निजाम 1996-2014 के गठबंधन युग की समाप्ति के बाद 2014 की गर्मियों से मजबूत होता गया है. पिछले छह वर्षों में किसी मंत्री को ज्यादा कुछ बोलते हुए नहीं सुना गया है. संभवतः अमित शाह को छोड़कर बड़े-से-बड़ा मंत्री हो या सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीएस) का सदस्य हो, कोई किसी गिनती में नहीं माना गया.
कैबिनेट सिस्टम बेअसर हो चुकी है. सामूहिक ज़िम्मेदारी, आंतरिक विचार-विमर्श, असहमति बेमानी बना दी गई है, उनका लोप हो चुका है.

नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला मंत्रिमंडल से लगभग गुप्त रखकर किया जाता है. ऐसा नहीं है कि इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में असहमति की बहुत गुंजाइश रहती थी. लेकिन यह तथ्य भी पीएम-सीएम-डीएम निजाम वाले तर्क को मजबूत ही करता है. 18 साल तक गठबंधन सरकारों का जो दौर रहा उसने शायद हमें बिगाड़ दिया था.

लेकिन गठबंधनों के उस दौर में भी क्षेत्रीय स्तर पर तानाशाहियां उभरी थीं—तमिलनाडु में जयललिता की, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश में वाइ.एस. राजशेखर रेड्डी, उत्तर प्रदेश में मायावती, और बेशक गुजरात में नरेंद्र मोदी की. ये सब ताकतवर मुख्यमंत्री थे. इनमें और हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री में सबसे प्रमुख समानता यह है कि इन सबके मंत्री बेमानी, कितने शक्तिहीन रहे. और, सत्ता का इस्तेमाल चंद पसंदीदा नौकरशाहों के जरिए किया जाता रहा है.

पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


शेखर गुप्ता, https://hindi.theprint.in/opinion/one-disaster-in-india-has-exposed-poll-of-three-big-powerful-people-like-pm-cm-dm/141329/


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