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न्यूज क्लिपिंग्स् | "सरकार का पैसा वापस चला जाएगा"... इस अफवाह ने बढ़ा रखी है बैंकों के बाहर भीड़?

"सरकार का पैसा वापस चला जाएगा"... इस अफवाह ने बढ़ा रखी है बैंकों के बाहर भीड़?

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published Published on Apr 24, 2020   modified Modified on Apr 24, 2020

-गांव कनेक्शन, 

तेज धूप के बाद एकाएक बारिश शुरु हो गई थी, लेकिन आशा देवी बैंक के बाहर लगी लाइन में खड़ी रहीं। उन्होंने अपना विड्राल फार्म पासबुक के अंदर रखकर पल्लू में छिपा लिया। आशा को न धूप से दिक्कत थी न बारिश से और ना ही भीड़ के चलते कोरोना से संक्रमित होने की आशंका, उन्हें अपने 500 रुपए की चिंता थी, जो सरकार ने उनके जनधन खाते में डाले हैं।

"सब कह रहे हैं, पैसा नहीं निकाले तो वापस चले जाएंगे, इसीलिए लाइन में लगे हैं।" यूपी के सीतापुर जिले के मीरानगर में बैंक की लाइन में खड़ी आशा देवी (30 वर्ष) कहती हैं। आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के बाहर करीब 50 लोगों की भीड़ थी, जिनमें से 40 से ज्यादा महिलाएं थीं, जिनमें भी अधिकांश अपने जनधन खातों से 500 रुपए निकालने आईं थीं। कई महिलाओं से बात करने पर पता चला कि उन्हें डर है कि पैसा वापस न चला आए।

हर घर के लिए बैंक खाता की अवधारणा के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना की घोषणा की थी। 28 अगस्त को 2014 को इसकी शुरुआत के बाद ये पहला मौका था, ऐसे करोड़ों खातों में कोई लेनदेन हुआ था। इसलिए करोड़ों महिलाएं काफी खुश भी हैं।

यूपी के सीतापुर जिले के पिसावां ब्लॉक के पिपरी शादीपुर गांव में रहने वाली ने अप्रैल के पहले हफ्ते में 500 रुपए निकलवा लिए थे। वो कहती हैं, इस कठिन समय में 500 रुपए हमारे लिए बड़ी मदद बन गए हैं। पति अभी दूसरी जगह (महाराष्ट्र) ही फंसे हैं। उनका भी कामधंधा बंद है तो पैसे भी नहीं भिजवा पा रहे थे,लेकिन सरकार की मदद से कुछ काम चल गया।" मोनी जैसे करोड़ों लोगों की संकटकाल में सरकार के बैंकों में भेजे गए पैसे तो मदद मिली है। लेकिन पैसे निकालने, खाते में पैसे चेक करवाने के लिए पिछले 17-18 दिनों से जो भीड़ उमड़ रही है, उसने बैंक कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं।

लॉकडाउन के दौरान 16.01 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के जरिए 19 अप्रैल तक 36,659 करोड़ रुपये से अधिक रुपए ट्रांसफर किए गए।
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के उमरगा में स्टेट बैंक के बाहर लगी भीड़। फोटो- अशोक पवार, उस्मानाबाद

आशा देवी, जहां बैंक की लाइन में लगी थीं, उससे कुछ दूर पर बाराबंकी के बेलहरा कस्बे में भी ग्रामीण बैंक के बाहर भी भीड़ थी। बैंक के बाहर सीढ़ियों पर लोग बैठे थे। बैंक के गेट पर ही आधार कार्ड के जरिए भी पेमेंट किया जा रहा था। यहां के शाखा प्रबंधक बार-बार बाहर निकलकर लोगों को भीड़ न लगाने और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की अपील कर रहे थे।

ग्रामीण बैंक बेलहरा के शाखा प्रबंधक अंसार जमाल कहते हैं, "बैंकों में सारा काम रोककर सिर्फ लोगों को पैसे देने का काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनधन, पीएम किसान, बुजुर्ग पेंशन, मनरेगा समेत कई तरह के पैसे आ गए हैं तो भीड़ काफी है। थोड़ा जागरुकता का अभाव है, इसलिए सब तुरंत पैसा निकाल लेना चाहते हैं। टीवी पर कहा जा रहा है कि पैसा कहीं नहीं जाएगा, थोड़ा आप (मीडिया) भी जागरुकता में सहयोग करे।"

कोरोना वायरस की महामारी के दौरान लोगों को पैसे की तंगी से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने महिलाओं के जनधन खातों में तीन महीने तक 500-500 रुपए, बुजुर्ग और विधवाओं को तीन महीने तक 1000-1000 रुपए, तीन महीने तक उज्जवला योजना के पैसे और गरीब रेहडी-पटरी वाले लोगों के खाते में 1000-1000 रुपए तीने महीने तक, इसके अलावा मनरेगा का भी पैसा लोगों के खातों में भेजा गया है। इन सबमें जनधन और पटरी दुकानदारों को पहली बार पैसे मिले हैं।

कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने 1 लाख 70 हजार करोड़ का जो आर्थिक पैकेज जारी किया है, उसके तहत 3 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल तक केंद्र सरकार ने दो किस्तों में देश में महिलाओं के प्रधानमंत्री जनधन योजना के 20.40 करोड़ खातों में 500-500 रुपए भेजे हैं। जबकि उज्जवला योजना के तहत 800-800 रुपए दिए जा रहे हैं।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


अरविंद शुक्ला, https://www.gaonconnection.com/desh/pm-jan-dhan-yojana-rumours-crowd-outside-banks-47392


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