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न्यूज क्लिपिंग्स् | अनावारी रिपोर्ट में 24 जिलों की सिर्फ 40 तहसीलों में ही सूखा

अनावारी रिपोर्ट में 24 जिलों की सिर्फ 40 तहसीलों में ही सूखा

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published Published on Jan 28, 2016   modified Modified on Jan 28, 2016
रायपुर। राज्य सरकार को प्रदेश में सूखे की स्थिति पर वास्तविक रिपोर्ट मिल गई है। खरीफ फसल की अंतिम आनावारी रिपोर्ट में बताया गया है कि में राज्य में सिर्फ 40 तहसीलें सूखा प्रभावित हैं। इससे पहले नजरी आंकलन के आधार पर यह जानकारी सामने आई थी कि प्रदेश की 117 तहसीलें सूखा प्रभावित हैं।

अंतिम आनावारी रिपोर्ट के आधार पर राज्य में वैसे सूखे के हालात नहीं है,जैसा कि नजरी आंकलन के आधार पर माना जा रहा था। प्रदेश के 27 जिलों में से तीन जिलों रायपुर, जांजगीर-चांपा व कोरिया जिले की आनावारी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

छत्तीसगढ़ में इस साल के मानसून सीजन में बारिश विलंब से हुई थी, जिसके कारण खरीफ फसलों की बुआई पिछड़ गई थी। बारिश में कमी के कारण किसानों ने कम समय में पैदा होने वाली उपज लगाई थी। लेकिन अनियमित बारिश के कारण इस फसल पर भी बुरा प्रभाव पड़ा था। शुरुआती दौर में राज्य में खेती-किसानी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी। कई स्थानों पर फसल की बर्बादी और कीट प्रकोप की खबरें भी आई थी। इसी बीच केंद्र के अधिकारियों के दल ने राज्य में आकर सूखे की स्थिति का जायजा लिया।

उस समय भी माना जा रहा था कि फसल को काफी नुकसान हुआ है। इधर, राज्य सरकार ने राजस्व अधिकारियों से रिपोर्ट मंगाई। प्रारंभिक तौर पर आई नजरी आंकलन की रिपोर्ट के आधार पर 117 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। कृषि के जानकारों का कहना है कि मानसून सत्र के मध्यकाल के बाद राज्य में हुई बारिश से धान की खेती में सुधार आया।

ताजा रिपोर्ट में ये तहसीलें सूखाग्रस्त

राजस्व विभाग को प्राप्त खरीफ फसल की वास्तविक आनावारी रिपोर्ट के अनुसार गरियाबंद जिले की राजिम तहसील को छोड़कर बाकी तहसील, धमतरी जिले की मगरलोड, नगरी व कुरुद,बालोद जिले की गुंडरदेही व डौंडी, राजनांदगांव जिले की खैरागढ़, कबीरधाम जिले की कवर्धा, बस्तर जिले की बकावंड व दरभा, कोंडागांव जिले की फरसगांव व केशकाल, दंतेवाड़ा जिले की सभी तहसील, कांकेर जिले की चार तहसीलें (पखांजूर, दुर्गूकोंदल व भानुप्रतापपुर को छोड़कर), बिलासपुर जिले की मरवाही व पेंड्रा, कोरबा जिले की पोड़ी, सूरजपुर जिले की प्रतापपुर, नारायणपुर जिले की ओरछा व नारायणपुर तथा बीजापुर जिले की सभी तहसीलें (बीजापुर तहसील को छोड़कर) शामिल हैं। रायपुर, कोरिया व जांजगीर-चांपा जिले की 19 तहसीलों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।

ताजा रिपोर्ट पर उठे कई सवाल

कृषि के जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार को मिली ताजा रिपोर्ट के बाद प्रदेश में सूखे की स्थिति को लेकर विरोधाभास नजर आ रहा है। एक तरफ शुरूआती दौर में सूखे की स्थिति मानी गई, लेकिन बाद में यह स्थिति बदल गई है। इसी बीच राज्य सरकार ने सूखे को प्राकृतिक आपदा मानते हुए राजस्व परिपत्र में संशोधन भी किया। साथ ही सूखे पर केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर छह हजार करोड़ रुपए से अधिक का विशेष पैकेज भी मांग लिया। केंद्र सरकार से लगभग 12 सौ करोड़ रुपए भी मिल गए।

साथ ही राज्य सरकार ने करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए का मुआवजा बांटने का काम भी शुरू कर दिया है। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठ रहा है कि अगर सूखा इतना भीषण नहीं है तो मुआवजा बांटा जाना उचित होगा या नहीं? या फिर नई रिपोर्ट के आधार पर सूखे का निर्धारण नए सिरे से करना होगा।

सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा देने 574 करोड़

छत्तीसगढ़ के सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित जिलों को अब तक तीन किस्तों में 573 करोड़ 92 लाख रुपए आवंटित कर दिया है। यह राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत किसानों को अनुदान के रूप में वितरित की जा रही है। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने प्रदेश के सभी संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को यह राशि 31 जनवरी तक अनिवार्य रूप से बांटने के निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ ने मांगा है छह हजार करोड़ का पैकेज

छत्तीसगढ़ की सूखा प्रभावित तहसीलों में किसानों और ग्रामीणों को मदद पहुंचाने के लिए छह हजार करोड़ रुपए से अधिक के राहत पैकेज का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। सूखा प्रभावित तहसीलों में किसानों को खरीफ फसल के नुकसान का मुआवजा देने के लिए केंद्र से 1740 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि भी मांगी गई है। केंद्र सरकार द्वारा सूखा राहत के लिए पहली किस्त के रूप में करीब 1270 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है।

 


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