Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | आरटीआई लगाने की सजा..छह साल से हुक्का-पानी बंद

आरटीआई लगाने की सजा..छह साल से हुक्का-पानी बंद

Share this article Share this article
published Published on Jun 6, 2016   modified Modified on Jun 6, 2016
प्रशांत गुप्ता, रायपुर। हरियाणा की खाप पंचायतों की तर्ज पर रायपुर के टिकरापारा में एक परिवार का हुक्का-पानी बंद करने का मामला सामने आया है। परिवार के मुखिया शंकर सोनकर का आरोप है कि महज इसलिए बहिष्कृत कर दिया, क्योंकि उसने समाज के स्कूल के बारे में जिला शिक्षा कार्यालय में आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी।

भनक लगते ही उनके परिवार को समाज से बेदखल कर दिया। हालांकि परिवार दंड भरकर फिर से समाज में शामिल हो सकता है। लेकिन सवाल यह कि क्या आरटीआई लगाना गुनाह है? अगर है तो परिवार मुखिया के साथ खड़ा है।

पेशे से किसान शंकर सोनकर हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सेवानिवृत्त हैं। साल 2010 में उन्होंने लाखे नगर स्थित समाज के स्कूल के संबंध में आरटीआई लगाई थी। इसका जवाब मिलने से पहले ही समाज के रखवालों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने 10-12 लोगों के परिवार को समाज से निकाल दिया। ये समाज में जहां भी जाते, बुलाने वाले परिवार को आर्थिक दंड चुकना पड़ता।

अब तो इनके समधी, रिश्तेदारों यहां तक की सगे भाई ने तक इनसे बातचीत बंद कर दी है। 2010 के रायपुर नगर सोनकर समाज के फैसले पर 2016 में केंद्रीय महासभा ने भी मुहर लगा दी। सोचिए, जब रायपुर शहर में यह स्थिति है तो फिर बाकी जगहों पर क्या हाल होगा? शंकर और उनकी पत्नी शिवकुमारी ने एम्स को देहदान कर दिया है, यह सोचकर कि समाजवाले जब कंधा देने नहीं आएंगे तो यही एक विकल्प है।

समधी को लगा दिया 1800 रु. दंड : रायपुर में ही ब्याहे गए दोनों बेटों में से एक के ससुर ने शंकर को कार्यक्रम में बुलाया तो समाज ने उन पर ही 1800 रुपए का दंड लगा दिया। बाद में समधी दंड भरकर फिर समाज में शामिल हो गए। बहू भी मायके नहीं जाती। दूसरे बेटे के ससुराल वाले दबंग हैं इसलिए उन पर समाज का जोर नहीं चलता। वहीं रायपुर में ही रहने वाली बेटी और उसके पति को उसके ससुराल वालों ने छोड़ दिया है।

पुलिस में जाएं, पर गवाही देगा कौन?

शंकर की पत्नी शिव कुमारी इसी डर से 5 साल से मायके नहीं गईं कि उनके माता-पिता, भाइयों को भी समाज से बहिष्कृत न कर दिया जाए। वे कहती हैं कि हम पुलिस में जाएं तो गवाही कोई नहीं देगा।

अकड़बाजी दिखाता है

शंकर समाज में अकड़बाजी दिखाता है, आरटीआई लगाता है। वह समाज छोड़कर गया है। उसे किसी ने नहीं छोड़ा। वह खुद ही नहीं आना चाहता। -कैलाश सोनकर, अध्यक्ष, रायपुर नगर सोनकर समाज

जिसे बात रखनी है खुद आए

समाज ने बहिष्कृत नहीं किया। मैं किसी के भी पास नहीं जाऊंगा, जिसे अपनी बात रखनी है, वह खुद आए। -रामचरण सोनकर केंद्रीय अध्यक्ष, छग सोनकर समाज

मौन रहना चाहता हूं

शंकर को समाज से बहिष्कृत किया गया है। लेकिन मैं इस मसले पर मौन रहना चाहता हूं, क्योंकि वह मेरा भाई है। -डॉ. सुखनंद सोनकर, पीड़ित के भाई एवं पूर्व अध्यक्ष, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग

हम आज भी पिछड़े हैं

मामला उदाहरण है कि हम आज भी कितने पिछड़े हैं। संविधान ने हमें तमाम अधिकार दिए हैं, ऐसी स्थिति में हुक्का-पानी बंद करना कानून को चुनौती देना है। -डॉ. दिनेश मिश्रा, अध्यक्ष, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति

 


- See more at: http://naidunia.jagran.com/chhattisgarh/raipur-social-boycott-of-family-for-put-rti-752816#sthash.LAkIjMKc.dpuf


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close