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न्यूज क्लिपिंग्स् | उत्तराखंड में बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष, पलायन के लिए लोग हुए मजबूर

उत्तराखंड में बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष, पलायन के लिए लोग हुए मजबूर

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published Published on Apr 16, 2024   modified Modified on Apr 16, 2024

इंडियास्पेंड, 16 अप्रैल

पौड़ी के चौबट्टाखाल के मजगांव में अक्टूबर, 2022 की एक शाम लगभग 55 साल की शकुंतला देवी अपनी गाय के लिए घास काट रही थीं। तभी अचानक एक गुलदार (लेपर्ड, पंथैरा पार्डस) ने उन हमला कर दिया। गुलदार ने उनका पैर पकड़ने की कोशिश की और वह नीचे दूसरे खेत में जा गिरीं। इसके बाद जब गुलदार उनकी गर्दन पर लपका तो शकुंतला ने घास काटने वाली दराती से उस पर वार किया। इससे गुलदार बौखला गया और शकुंतला लंगड़ाते हुए 15-20 कदम दूर दौड़ गईं। इस बीच लोगों ने हल्ला कर गुलदार को भगा दिया।

शकुंतला के पति अनिल सुंदरियाल बताते हैं “उनके पैर में 12 टांके आए थे और डेढ़-दो महीने तक बिस्तर पर रहना पड़ा था।” इस दौरान उनकी दो विवाहित बेटियां ने बारी-बारी से आकर घर का काम संभाला और मां का ख्याल रखा। अनिल बताते हैं, “उस समय शकुंतला कभी-कभी रात को चीखती हुई उठ बैठती थीं।”

शकुंतला के दिल में इतनी दहशत बैठ गई कि उन्होंने घास काटने के लिए जाना बंद कर दिया। सुंदरियाल कहते हैं, “फिर हमें अपनी जर्सी गाय मुफ्त में ही किसी को देनी पड़ी। पहले गाय का दूध घर के इस्तेमाल के अलावा बेचने के लिए भी हो जाता था।” अब वे अपने घर से सटे खेतों में ही घर के लिए फल और सब्जियां उगाते हैं। उनका एक बेटा देहरादून में नौकरी करता है। अनिल कहते हैं “क्या यहां रहकर गुलदार का शिकार बनना हैं।” 
पूरी खबर- इंडियास्पेंड


इंडियास्पेंड, 16 अप्रैल https://indiaspendhindi.com/cover-story/human-wildlife-conflict-increasing-in-uttarakhand-people-forced-to-migrate-904058
 

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