Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | काले धन पर श्वेत पत्र लाएगी सरकार: प्रणब

काले धन पर श्वेत पत्र लाएगी सरकार: प्रणब

Share this article Share this article
published Published on Dec 15, 2011   modified Modified on Dec 15, 2011
नई दिल्ली, 15 दिसंबर। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में भरोसा दिया कि सरकार विदेश में जमा भारतीयों के काले धन से संबंधित सभी जानकारियों के साथ जल्द एक ‘श्वेत पत्र’ लाएगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समझौतों का ब्योरा देते हुए ऐसे भारतीय खाताधारकों के नामों को सार्वजनिक करने में सरकार की असमर्थता जताई। साथ ही यह आश्वस्त किया कि विभिन्न देशों से अब तक इस बारे में जो भी नाम हासिल हुए हैं, उनमें किसी सांसद का नाम नहीं है।
वित्त मंत्री ने सदन में विपक्ष के लाए स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा में दखल देते हुए यह बात कही। भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी काले धन के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाए थे। इसे लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने मंजूर कर प्रश्नकाल के बाद चर्चा शुरू  कराई। चर्चा पर मुखर्जी के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। आडवाणी के जवाब के बाद सदन ने प्रस्ताव को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया। चर्चा की शुरुआत करते हुए आडवाणी ने सरकार से मांग की कि विदेशी बैंकों में जमा 25 लाख करोड़ रुपए देश में वापस लाने के तुरंत कदम उठाए जाएं और इस बारे में श्वेत पत्र जारी कर विदेशों में काला धन रखने वाले सभी लोगों के नाम बताए जाएं।        
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अलग-अलग देशों से काले धन को लेकर टुकड़ों में जानकारी मिली है। जिन लोगों के विदेश में खाते हैं, उनके नामों की सूची भी हासिल हुई है। इस जानकारी को सार्वजनिक किया गया तो संबद्ध देश कहेगा कि हमने अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन किया है। दूसरी दिक्कत यह है कि जिन लोगों के नाम सार्वजनिक होंगे, वे विदेशी बैंकों से अपना धन निकाल लेंगे। सूची सार्वजनिक इसलिए भी नहीं की जा सकती क्योंकि हो सकता है उनमें से कई लोगों के वैध खाते हों और उन्होंने निवेश के लिए विदेश में खाता खोला हो। यह न भूलें कि इस समय भारत यूरोप में सबसे बडेÞ निवेशकों में से एक है। उन्होंने कहा- समझौते में कहा गया है कि नाम उसी समय सार्वजनिक किए जाएं, जब उस व्यक्ति पर कोई आपराधिक आरोप लगा हो। अब सवाल यह है कि ऐसे लोगों के नाम प्रकाशित करें या फिर धन जब्त करें।
विदेश में पड़े काले धन को वापस लाने के मामले में सरकार पर ढिलाई बरतने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में मुखर्जी ने कहा कि 18 महीने में दोहरे कराधान से बचने की 22 संधियां की गईं। उन्होंने कहा- आमतौर पर इस तरह की संधि नहीं होने पर विभिन्न देश सूूचनाएं देने में आनाकानी करते हैं। लेकिन अमेरिका सहित समूह-20 में शामिल देशों के दबाव के बाद उन्होंने इस संधि को लेकर वार्ता करनी शुरू  की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अब तक इस तरह की 75 संधियों में से 60 में नए प्रावधान शामिल कर उन्हें मंजूरी दे दी है। इसमें कर सूचनाओं के आदान-प्रदान का प्रावधान है। शेष संधियों को भी जल्द ही संशोधित स्वरूप में मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि स्विटजरलैंड के साथ भी इस तरह की संधि सितंबर 2010 में की गई थी। यह संधि एक अप्रैल 2011 से प्रभावी मानी जाएगी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के हवाले से कहा कि भारत दुनिया के उन तीन शीर्ष अग्रणी देशों में शामिल है, जो इस दिशा में तेजी से पहल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान पर जोर दिया है। उन्होंने समूह-20 देशों की बैठक में कहा था कि इस समूह के देशों को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
स्विटजरलैंड के साथ समझौता अप्रैल 2011 से प्रभावी होने के कारण उसके पूर्व के वर्षो की सूचनाएं नहीं मिलने की सदस्यों की आशंकाओं पर मुखर्जी ने कहा कि हमने स्विटजरलैंड से पहली बात यही कही है कि अप्रैल 2011 से पहले की जो जानकारी उपलब्ध है, हमें मुहैया कराए। हमने जोर दिया है कि स्विटजरलैंड सरकार अपने यहांं मौजूद भारतीयों की संपत्तियों से हासिल होने वाला धन हमें दे। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देशों के साथ भी जो समझौते बैंकों से हुए हैं, वे भी अप्रैल 2011 से प्रभावी हैं।
कुछ सदस्यों के यह कहे जाने पर कि विदेश में जमा भारतीयों के काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाए, मुखर्जी ने कहा- स्विस बैंक में जमा काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति कैसे कहा जा सकता है। अगर हम कह भी देते हैं तो उसे हासिल करने के लिए क्या फौज भेजेंगे।
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वे मुखर्जी के जवाब से असंतुष्ट हैं। वह अपेक्षा करते हैं कि जब वित्त मंत्री इस मुद्दे पर श्वेत पत्र लाएं तो बताएं कि कितना धन विदेशी बैंकों में जमा है और काले धन की उगाही के लिए सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं और आगे क्या करेगी। आडवाणी ने कहा कि सरकार को विदेशों में काला धन रखने वाले भारतीय लोगों के जो भी नाम मिले हैं, उन्हें संरक्षण देने के बजाय उनकी पूरी सूची देश के सामने रखे। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विदेशों में काला धन रखने वाले भारतीय लोगों से केवल कर लेकर बात खत्म नहीं कर देनी चाहिए बल्कि ऐसे लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने विपक्ष के आरोपों का विरोध करते हुए कहा- यह कहना गलत है कि काले धन की समस्या यूपीए सरकार ने पैदा की है। उन्होंने कहा कि दुनिया में निवेश होने वाला हर तीसरा डालर कर चोरी की किसी न किसी पनाहगाह के   जरिए आता है। ऐसी पनाहगाहें 1920 और उसके बाद से ही बननी शुरू  हो गई थीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। कई देशों के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए समझौते किए गए हैं। कुछ देशों से इस संबंध में सूचनाएं हासिल हुई हैं, जिन पर आगे कार्रवाई की जा रही है।
तिवारी ने आरोप लगाया कि आयकर विभाग के जब्ती के अधिकार हल्के करने और मारीशस रूट को लेकर राजग शासन के समय अनुचित फैसले हुए। उनके आरोप का खंडन करते हुए पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि मारीशस के साथ दोहरे कराधान से बचने वाली संधि 1982 में की गई थी। मारीशस रूट को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश के लिए तब खोला गया था, जब मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वित्त मंत्री हुआ करते थे। हमने उन्हीं नीतियों का अनुसरण किया, जो पूर्व की सरकारों ने बनाई थीं।
सपा के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि काले धन को चोरी का धन कहना चाहिए। देश पर जितना कर्ज है, उसका दोगुना काला धन है। क्या सरकार इस धन को स्वदेश लाने की हिम्मत करेगी। बसपा के दारा सिंह चौहान ने कहा कि काले धन को देश में वापस लाने की दिशा में तेजी से प्रयास होने चाहिए तभी इस देश की गरीबी दूर हो सकती है। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने मांग की कि किसी भी कीमत पर इस काले धन को देश में वापस लाया जाना चाहिए। मार्क्सवादी बासुदेव आचार्य ने कहा- सरकार बताए कि उसे इस धन को स्वदेश लाने में क्या दिक्कत पेश आ रही है।

 

http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/1-2009-08-27-03-35-27/6551-2011-12-15-03-54-04


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close