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न्यूज क्लिपिंग्स् | कोरोना वायरसः क्या आपको डरने की जरूरत है?

कोरोना वायरसः क्या आपको डरने की जरूरत है?

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published Published on Feb 5, 2020   modified Modified on Feb 5, 2020
तस्वीरें हॉलीवुड की फिल्मों के स्थिर चित्रों जैसी दिखती हैं. हवाई अड्डों पर सहमे हुए लोग, जिनके चेहरे सर्जिकल मास्क से ढके हुए हैं. हालांकि ये मास्क दुनिया के सामने बड़े खतरे की तरह उभरे एक नवीनतम वायरस से उनकी रक्षा के लिए शायद ही पर्याप्त हों. इस वायरस का उद्गम स्थान संभवत: वुहान है, जहां दिसंबर की शुरुआत में इस वायरस की पहचान की गई थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका, जर्मनी और श्रीलंका तक, दुनियाभर के एक दर्जन से अधिक देशों में इस घातक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले प्रकाश में आए हैं. 30 जनवरी तक चीन में 170 मौतों की पुष्टि हो चुकी है.

चीनी वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वायरस की उत्पत्ति संभवत: चमगादड़ों से हुई है क्योंकि एक दशक से ज्यादा के शोध बताते हैं कि चमगादड़ों में मौजूद कोरोना वायरस, असामान्य तीव्रता के साथ मानव महामारी का कारण बन सकता है. कुछ वैज्ञानिकों का तर्क है कि यह नवीन (नए रूप में) कोरोना वायरस, मनुष्य के लिए सार्स वायरस से भी कहीं ज्यादाखतरनाक हो सकता है. 2002 से 2003 में आठ महीनों के दौरान सार्स से फैली सांस की वायरल बीमारी से दुनियाभर में सैकड़ों मौतें हुईं थीं.

कोरोना वायरस से पीडि़त होने की आशंका में भारत में तीन लोगों को दिल्ली के एक अस्पताल में कड़ी निगरानी में रखा गया था. दिल्ली के उस अस्पताल के अधीक्षक ने संवाददाताओं को बताया कि निगरानी में रखे गए उन तीनों लोगों को खांसी, जुकाम और बुखार के साथ सांस लेने में भी तकलीफ थी. जयपुर से केरल तक कई अन्य लोगों को भी अस्पतालों में गहन निगरानी में रखा गया है. 24 जनवरी को नेपाल में भी इस वायरस से पीडि़त एक व्यक्ति की जानकारी मिली. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वे सतर्कता बरत रहे हैं और उन देशों से आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है जहां लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हुए हैं. पर कुछ विशेषज्ञों ने किसी भी व्यापक प्रकोप से निपटने में देश की चिकित्सा प्रणाली की क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं.

कई लोग चीनी सरकार के ढुलमुल रवैए की आलोचना कर रहे हैं. दिसंबर में जब इस वायरस का पता चला था तब चीन ने बहुत गैर-जिम्मेदाराना तरीके से दावा किया था कि कोरोनो वायरस लोगों के आपसी संपर्क से नहीं फैलता और आज उसी चीन ने दसियों लाख लोगों को अलग-थलग रखकर अफरा-तफरी का माहौल बना दिया है. सैड़कों भारतीय, जिनमें से ज्यादातर मेडिकल छात्र हैं, फिलहाल वुहान में हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के ट्वीट के अनुसार, भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने के लिए एक योजना बनाई गई है. इस खबर के लिखे जाने तक एयर इंडिया का एक यात्री विमान चीन भेजे जाने की अनुमति की प्रतीक्षा कर रहा था.

जापान और अमेरिका सहित अन्य देशों ने भी अपने नागरिकों को निकालने की योजना बनाई है. 'बचाव' की ऐसी किसी भी योजना को अमल में लाने के लिए चीनी अधिकारियों की मंजूरी की जरूरत है, क्योंकि वुहान को देश के बाकी हिस्सों से काट दिया गया है. 27 जनवरी को, बीजिंग में एक शख्स की मृत्यु हो गई. इस घातक वायरस के कारण चीन की राजधानी में मौत की यह पहली घटना थी.
 
पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

सौगत दासगुप्ता, https://aajtak.intoday.in/story/corona-virus-wuhan-china-human-epidemic-ravish-kumar-dr-one-who-increases-joy-1-1160605.html


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