Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | खूनी सड़कों पर सुरक्षित यातायात की चुनौती- सुभाष चंद्र कुशवाहा

खूनी सड़कों पर सुरक्षित यातायात की चुनौती- सुभाष चंद्र कुशवाहा

Share this article Share this article
published Published on Nov 22, 2014   modified Modified on Nov 22, 2014
सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की स्मृति में विगत 16 नवंबर को पहली बार ‘सड़क यातायात मृतक विश्व स्मृति दिवस' मनाया गया। भारत की सड़कें विश्व की सर्वाधिक रक्तरंजित सड़कों में गिनी जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2011 में सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में 12.40 लाख लोग मारे गए, जिनमें से अकेले हमारे देश में 1.43 लाख लोगों की मौत हुई, जो विश्व में सर्वाधिक था। मारे जाने वालों में ज्यादातर युवा होते हैं, लिहाजा सामाजिक-आर्थिक मोर्चे पर भी यह बड़ा राष्ट्रीय नुकसान है।

सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले में भारत के बाद चीन का स्थान आता है, बावजूद इसके कि उसकी आबादी हमसे ज्यादा है और वहां की सड़कों पर हमसे ज्यादा वाहन चलते हैं। ब्राजील का स्थान तीसरा है, पर उसका आंकड़ा भारत की तुलना में बहुत कम है। कारों के वैश्विक उत्पादन में 5.2 प्रतिशत हिस्सेदारी होने के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की आबादी यहां 13 फीसदी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व के 28 देशों ने, जिनमें दुनिया की कुल सात प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर अंकुश लगाने, शराब, अन्य मादक पदार्थ, तनाव या अनिद्रा आदि से प्रभावित होने पर गाड़ी चलाने से रोकने, बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के गाड़ी न चलाने और नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर अंकुश लगाने के लिए कानूनी प्रक्रियाएं सख्त कीं, तो उसके प्रभावी परिणाम आए। भारत में इस पर ध्यान देना अभी बाकी है।

हमारे यहां अभी तक हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे प्रावधान सफलतापूर्वक लागू नहीं किए गए हैं। सच्चाई यह है कि 50 प्रतिशत दोपहिया चालक हेलमेट का प्रयोग नहीं करते। पीछे बैठने वालों में 10 प्रतिशत ही हेलमेट पहनते हैं, जबकि जर्मनी में 97 प्रतिशत और नॉर्वे में 99 फीसदी लोग हेलमेट का प्रयोग करते हैं। अपने यहां 27 प्रतिशत चालक ही सीट बेल्ट का प्रयोग करते हैं, जबकि आगे बैठने वाली सवारी के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इसके विपरीत जापान में 99.2 प्रतिशत चालक और करीब 97 प्रतिशत सवारियां सीट बेल्ट का इस्तेमाल करती हैं। हमारे यहां ट्रैक्टरों के साथ जुड़ी ट्रॉलियां स्थानीय स्तर पर तैयार की जाती हैं, उनके पीछे रिफ्लेक्टर नहीं होता। नतीजतन रात में सड़क पर वे दिखाई नहीं देतीं और सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं।

योग्य चालकों के लिए प्रशिक्षण की बहुत जरूरत है। पर चालकों को प्रशिक्षित करने के लिए हमारे यहां सरकारी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों का निर्माण नहीं हो पाया है। जबकि निजी क्षेत्र इस दिशा में अपने दायित्वों को ठीक से पूरा नहीं कर पा रहे। जो कंपनियां एक से एक उम्दा कार बाजार में उतार कर ग्राहकों में खरीदने का जुनून पैदा कर रही हैं, उन पर गाड़ी बेचने वाले व्यक्ति को बेहतर चालन प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी भी डालनी चाहिए। जिस देश में सड़क दुर्घटनाओं से सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत का नुकसान हो रहा हो, वहां पाठ्यक्रमों में यातायात नियमों और सड़क संकेतों को पढ़ाने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। इसी तरह सुरक्षित यातायात से संबंधित प्रशिक्षण के दायरे में पैदल यात्री, रिक्शा चालक, साइकिल, ठेला और बैलगाड़ी चालकों को भी शामिल करना चाहिए। बेहतर वाहन निर्माण, दक्ष चालन, गुणवत्तायुक्त सड़कें, बेहतर प्रशिक्षण और जागरूकता ही इस स्मृति दिवस को सार्थक बना सकती है।


http://www.amarujala.com/news/samachar/reflections/columns/traffic-safety-on-killer-roads-hindi/


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close