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न्यूज क्लिपिंग्स् | खेती-बारी सिखाने को खुलेंगे किसान ट्रेनिंग स्कूल

खेती-बारी सिखाने को खुलेंगे किसान ट्रेनिंग स्कूल

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published Published on Nov 27, 2014   modified Modified on Nov 27, 2014
पटना: राज्य के प्रगतिशील किसानों को बेहतरीन खेती-बारी का गुर सिखाने की जिम्मेवारी अब सरकार उठायेगी. किसानों को कृषि विभाग अपने खर्च पर दूसरे राज्यों में मौजूद विभिन्न तरह के कृषि या इससे संबंधित ट्रेनिंग संस्थानों में भेज कर ट्रेनिंग दिलायेगा.

इसके लिए जिला स्तर पर प्रगतिशील किसानों का चयन किया जायेगा. विभाग ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए एक खास पोर्टल बना रहा है. दिसंबर में वेबसाइट शुरू हो जायेगी. इसके बाद इसके माध्यम से किसानों से आवेदन मंगवाने का काम शुरू हो जायेगा. किसानों का चयन कर जनवरी 2015 से इन्हें ट्रेनिंग पर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. विभाग का लक्ष्य एक वर्ष में 35 हजार किसानों को ट्रेनिंग प्रदान करना है. विभाग ने इस ट्रेनिंग का पूरा मॉड्यूल तैयार कर लिया है. किसानों के लिए पहली बार राज्य में इस तरह का ट्रेनिंग कार्यक्रम तैयार किया गया है.

इंटरव्यू के बाद चयन : कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले किसानों को कृषि विशेषज्ञों की एक टीम इंटरव्यू लेगी. इसके जरिये देखा जायेगा कि किसानों में कुछ नया करने या नयी तकनीक को अपनाने के प्रति कितनी ललक है. राज्य में कई किसान सामान्य खेती से हट कर बागवानी, तेलहन, दलहन व औषधीय समेत अन्य तरह के फसलों का उत्पादन कर रहे हैं.

कुछ अलग कर काफी बेहतर करने वाले इन किसानों को उचित प्रशिक्षण देकर काफी बेहतर कराया जा सकता है. ट्रेनिंग में ऐसे किसानों को तरजीह दी जायेगी.

प्रशिक्षण की सुविधा : किसानों को उनकी जरूरत और क्षमता के हिसाब से ट्रेनिंग दी जायेगी. जो किसान जिस सेक्टर में काम कर रहे हैं या करना चाहते हैं, उन्हें उसी स्तर के संस्थान में भेजा जायेगा. किसानों को जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले में भी एक्सपोजर के लिए भेजा जायेगा. इससे उन्हें कृषि उत्पादों के बेहतर प्रबंधन और बाजारीकरण की व्यावहारिक जानकारी हो सकेगी. जरूरत पड़ने पर किसानों को कृषि उद्योग से जुड़ी कंपनियों या खास सेक्टर में प्रशिक्षण के लिए भेजा जायेगा.

राज्य स्तर पर गठित होगी कमेटी

राज्य में कृषि योजनाओं को किसानों के लिए हितकारी बनाने के लिए राज्य स्तर पर एक ‘राज्य किसान परामार्शदात्री समिति' का गठन किया जायेगा. कृषि मंत्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी में राज्य भर से चयनित प्रगतिशील किसानों को सदस्य के रूप में रखा जायेगा. जल्द ही यह तय कर लिया जायेगा कि कितने सदस्य इसमें होंगे. इसके अलावा सभी जिला स्तर पर भी एक ‘किसान सलाहकार कमेटी' का गठन किया जायेगा. इसमें जिला स्तर के प्रगतिशील किसानों को सदस्य के तौर पर रखा जायेगा. जिला और राज्य स्तर पर गठित इन कमेटियों का मुख्य कार्य किसानों के लिए चलने वाली योजनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव करना है ताकि ये योजनाएं किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा सके और ऐसी योजनाओं में किसानों को आ रही वास्तविक दिक्कतों को दूर किया जा सके. प्रभावी योजना के लिए किसानों की सलाह ली जायेगी.

किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है. जनवरी में इसके शुरू हो जाने की संभावना है. दिसंबर में किसानों को चयनित करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. राज्य के किसानों को खेती-बारी की नयी और उन्नत तकनीकों की जानकारी देना कार्यक्रम का लक्ष्य है.

अमृत लाल मीणा

प्रधान सचिव, कृषि विभाग


http://www.prabhatkhabar.com/news/khabro-ki-khabar/story/201014.html


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