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न्यूज क्लिपिंग्स् | ग्राउंड रिपोर्ट: गेहूं के खेतों से खेल रही है आग, पेट का सवाल और सदमे में किसान

ग्राउंड रिपोर्ट: गेहूं के खेतों से खेल रही है आग, पेट का सवाल और सदमे में किसान

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published Published on Apr 12, 2023   modified Modified on Apr 12, 2023

जनचौक, 12 अप्रैल

उत्तर प्रदेश के गेहूं किसान समय से पहले चढ़े तापमान से प्रभावित फसल और तूफान-बारिश के नुकसान का जख्म अभी भरा भी नहीं था। हर आपदा-विपदा सहकर खेतों में बची फसल की कटाई-मढ़ाई कर घर लाने की जुगत में थे। इसी बीच अब सूबे के जनपदों में हो रही गेहूं के खेतों में अगलगी की घटनाओं से किसान सहम गए हैं।

अगलगी से पीड़ित किसानों के अरमान चंद मिनटों में राख हो जा रहे हैं। यह सब आंखों के सामने होते देखना किसानों के लिए आसान नहीं है। पूर्वांचल में एक पुरानी कहावत है कि “किसान पूत शोक सह जाता है, लेकिन फसल शोक नहीं।

अगलगी से हुए नुकसान में मन मसोस कर रह जाता है, और उसका पीछा करने लगती है कर्ज, गृहस्थी के खर्च, सामाजिक जिम्मेदारियां, घाटे का बोझ, बच्चों की पढ़ाई, शादी के उम्र को हो चली बेटियों के विवाह का खर्च, दवाई-इलाज और मवेशियों के लिए चारे-भूसे की दिक्कत। उत्तर प्रदेश में एक मार्च से 30 जून तक के समय को आग का मौसम कहा जाता है।
पूरी खबर- जनचौक


जनचौक, 12 अप्रैल https://janchowk.com/pahlapanna/ground-report-sparks-playing-from-wheat-fields-during-fire-season-stomach-question-and-farmers-in-shock/
 

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