Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | गर्मी में जल संकट से परेशान है आधा प्रदेश

गर्मी में जल संकट से परेशान है आधा प्रदेश

Share this article Share this article
published Published on Apr 22, 2011   modified Modified on Apr 22, 2011

जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है।

आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77 गांवों में जल स्तर 500 फीट तक गिर गया है। आसपास के गांव वाले दो दो किलो मीटर पैदल चल कर पानी ढो रहे हैं। झाबुआ जिला मुख्यालय से 12 किमी दूरी पर बसे गांव खरड़ू बड़ी में तो पिछले डेढ़ माह से नलों से पानी आना पूरी तरह बंद हो गया है। गांव वाले शहर से दो किमी दूर स्थित जिस कुएं के भरोसे थे, उसका जल स्तर भी काफी नीचे खिसक गया है इस वजह से लोगों के सामने जीवन मरण का सवाल खड़ा हो गया है। धार जिले की कुक्षी और मनावर तहसीलों के कई आदिवासी गांवों में हैंडपंप सूख जाने की वजह से लोग घंटो की तपस्या के बाद अपने हलक गीले करने लायक पानी का बंदोबस्त कर पा रहे हैं। नीमच जिले के ग्रामीण इलाकों में तो लोगों के सामने रोटी से बड़ी समस्या पानी हो गई है। लोग नींद से जागते ही बरतन लेकर यहां वहां दौड़ते भागते पानी का इंतजाम कर रहे हैं। यहां महिलाएं पानी का बंदोबस्त करने के बाद दोपहर को आधा दिन की मजदूरी करने को मजबूर हैं। दमोह जिले में दो दर्जन गांवों में पेयजल परिवहन की महती आवश्यकता है। लेकिन परिवहन के लिए भोपाल से पैसा स्वीकृत न हो पाने के कारण गांवों तक पानी पहुंचाना असंभव होता जा रहा है। टीकमगढ़ जिले के लगभग सौ गांवों में पानी का संकट मुंह बाएं खड़ा है। इसके अलावा खरगौन, खंडवा, बैतूल, छतरपुर, भिंड समेत राज्य के आधे से ज्यादा जिलों में पानी परेशानी का कारण बनता जा रहा है।

सरकार ने कहा, पैसा आवंटित हो चुका

मुख्य सचिव अवनि वैश्य ने गुरुवार को कलेक्टरों से पेयजल आपूर्ति के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में 360 में से 178 नगरीय निकायों में प्रतिदिन पेयजल प्रदाय हो रहा है। प्रदेश के 108 निकायों में एक दिन के अंतराल और 45 निकायों में दो दिन के अंतराल से पेयजल आपूर्ति हो रही है। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यात्रिकी श्री आर.के. स्वाई ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 95 प्रतिशत हैंडपम्प चालू स्थिति में हैं। प्रदेश में हैंडपम्प संधारण के लिए 3058 हैंडपंप तकनीशियन कार्यरत है। 16 जिलों को पेयजल परिवहन के लिए 2.96 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई हैं । प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एसपीएस परिहार ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों को पेयजल परिवहन के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जा चुकी है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/madhyapradesh/4_7_7619098.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close