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न्यूज क्लिपिंग्स् | गेहूं भंडारण का प्रबंधन फिफ्टी-फिफ्टी - अश्विनी शर्मा, करनाल

गेहूं भंडारण का प्रबंधन फिफ्टी-फिफ्टी - अश्विनी शर्मा, करनाल

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published Published on May 30, 2011   modified Modified on May 30, 2011

धरती को मेहनत से सींचकर एक-एक दाना उगाने वाले किसान बरसात में गेहूं को भीगते हुए देखकर रुआसा हो जाते हैं। उचित भडारण न होने से जुंडला में हजारों क्विंटल गेहूं बरसात में भीग गया, तो इंद्री में हजारों क्विंटल गेहूं में सुरसुरी लग गई। राहत की बात यह है कि असंध, घरौंडा, करनाल, नीलोखेड़ी आदि छोटी मंडियों से खरीदे गए गेहूं का उचित भंडारण होने से बरसात की मार से गेहूं बच गया।

जिले में खरीद एजेंसी स्टेट वेयर हाउस, हैफेड, डीएफएससी, कांफेड, एग्रो और भारतीय खाद्य निगम ने विभिन्न मंडियों से छह लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं की खरीद की। गेहूं खरीद के साथ ही उसका उठान शुरू हो गया था, लेकिन कुछ दिन पहले कुदरत ने रंग दिखाते हुए झमाझम बारिश की, तो कई जगह उचित प्रबंधन न होने से गेहूं भीग गया। करनाल अनाज मंडी में भी खुले रखा गेहूं भीग गया था। सबसे ज्यादा नुकसान जुंडला अनाज मंडी में खुले में रखे खरीद एजेंसियों के गेहूं को हुआ था। यह गेहूं पूरी तरह से भीगा, जबकि असंध अनाज मंडी में रखे गए गेहूं को भी कुछ नुकसान पहुंचा था, जबकि वहां अधिकतर गेहूं को ढके हुए गोदामों में रखा हुआ था।

जुंडला अनाज मंडी में गेहूं खराब होने पर किसानों ने रोष भी जाहिर किया था। इसके अलावा उचित भंडारण न होने से अनाज मंडी के समीप स्थित एक खरीद एजेंसी के गोदाम में रखे गेहूं में सुरसुरी लग गई है। हालात यह है कि गोदाम के समीप स्थित दुकानों में भी यह सुरसुरी पहुंचनी शुरू हो गई है। इससे दुकानदार खासे आहत हैं। शहर में फिलहाल अनाज भंडारण का उचित प्रबंधन है। काछवा रोड स्थित भारतीय खाद्य निगम में गेहूं को अच्छी तरह से सहेज कर रखा गया है। अन्य खरीद एजेंसियों के गोदाम में भी गेहूं सुरक्षित है। हैफेड की ओर से आधुनिक ढंग के गोदाम नेवल गांव के पास बनाए गए हैं। हैफेड के खुले में रखे गए गेहूं को भी तिरपाल से पूरी तरह से ढका गया है, ताकि बारिश का असर गेहूं पर नहीं हो।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि जुंडला अनाज मंडी में खरीद एजेंसियों की अनदेखी से बरसात में हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया। इस गेहूं को पैदा करने में किसान हाड़तोड़ मेहनत करता, लेकिन उचित प्रबंधन नहीं होने की वजह से यह गेहूं भीग गया। उन्होंने सरकार से गेहूं भंडारण का उचित प्रबंधन करने की मांग की। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक रवींद्र मलिक ने कहा कि पिछले दिनों आई बरसात में गेहूं भीगा था, लेकिन यह खराब नहीं हुआ था। गेहूं भंडारण की उचित व्यवस्था है। सभी खरीद एजेंसियां करनाल में उचित भंडारण के प्रबंध किए हुए है। उन्होंने इंद्री में गेहूं सुरसुरी लगने की बात पर कहा कि ऐसी गेहूं का प्री मानसून ट्रीटमेंट किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के लिए दवाई आ चुकी है। गेहूं को बचाने के लिए यह दवाई भेजी जाएगी।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/haryana/4_6_7795837.html


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