Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | गोडसे ने सेकुलर नेहरू या कम्यूनल जिन्ना को नहीं, धार्मिक गांधी को ही गोली क्यों मारी?

गोडसे ने सेकुलर नेहरू या कम्यूनल जिन्ना को नहीं, धार्मिक गांधी को ही गोली क्यों मारी?

Share this article Share this article
published Published on Jan 31, 2020   modified Modified on Jan 31, 2020
-मीडियाविजिल

यह तथ्य है जिससे हम आंख चुरा नहीं सकते कि आज ही के दिन महात्मा गांधी की हत्या हुई थी। और यह सच है जिससे हम आंख मिलाना नहीं चाहते कि इस हत्या के बाद हम सबने गांधी के विचारों की हत्या लगातार की है।

अपनी हत्या के बाद गांधी इस देश के नेताओं की जुबान पर रहे। कुछ ने उनके नाम को मीठी गोली की तरह चुभलाया, जिससे उनकी राजनीति सधती रही, कुछ वैचारिकी ने उनको कुनैन की गोली की तरह अपने मुंह में रखा, जिससे उनका मर्ज छुपता रहा। इन सब के बाद भी यह सवाल बना रहता है कि आज हम गांधी को क्यों याद करें? उन्हें राष्ट्रपिता क्यों मानें? गांधी जब थे, तब थे। आज उनकी प्रासंगिकता क्या है?

सच है कि धार्मिक पहचान और हिंसा के इस के इस दौर में गांधी आज और ज्यादा प्रासंगिक हो जाते हैं। उनके सत्य और अहिंसा की याद ज्यादा आती है। यह भी ध्यान जाता है कि एक खास तरह की वैचारिकी इस देश में गांधी का नाम लेते हुए, उनके अहिंसा की आड़ में बड़ी तेजी से हिंसक हो रही है। ऐसे हिंसक दौर में गांधी को याद करते हुए कई ऐसे प्रसंग जेहन में बरबस चले आते हैं, जब यह दिखता है कि गांधी इस देश की हर वैचारिकी की मजबूरी हैं. यह वैचारिकी जानती है कि गांधी को नजरअंदाज कर इस देश में राजनीति नहीं की जा सकती। उसे पता है कि कैलेंडरों से वह गांधी को भले उतार दे, पर इस देश के लोगों के दिलों से नहीं निकाल सकती। यह वैचारिकी एकरफ तो गांधी को राष्ट्रपिता भी नहीं मानना चाहती, दूसरी तरफ गोडसे को देशभक्त बताने की बताती रहती है।

अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे को ‘देशभक्त’ कहा था। उस रोज लोकसभा में डीएमके सांसद ए. राजा ने एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान एक टिप्पणी की थी। वह कह रहे थे, ‘महात्मा गांधी हत्याकांड में जब अपीलीय अदालत में अपील दायर की गई थी तब गोडसे ने एक बयान दिया था, मैं उसके कुछ वाक्य पढ़ने की अनुमति चाहूंगा। मैं उद्धृत करता हूं…’ गोडसे का अदालत में दिया बयान वे पढ़ ही रहे थे कि हस्तक्षेप करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया। यह कोई पहली बार नहीं हुआ था।

इससे पहले दिए साध्वी के ऐसे ही बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे साध्वी प्रज्ञा को दिल से कभी माफ नहीं करेंगे। पर असल सवाल है कि इस देश में वह कौन सी वैचारिकी है जो गांधी का विरोध करती है। यह वही वैचारिकी है जिसने गोडसे को पैदा किया, जहां से साध्वी प्रज्ञा आईं। यह वही वैचारिकी है जो धर्म का नाम लेकर सांप्रदायिकता को पोसती है। जो भारत-माता की जड़ मूर्ति बनाती है और राष्ट्रवाद को सांप्रदायिक पहचान के आधार पर बांटती है।
 
पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

अनुराग अन्वेषी, http://www.mediavigil.com/investigation/why-godse-killed-religious-gandhi-not-secular-nehru-or-communal-jinnah/
 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close