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न्यूज क्लिपिंग्स् | छत्तीसगढ़ में धान के आयात पर प्रतिबंध

छत्तीसगढ़ में धान के आयात पर प्रतिबंध

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published Published on Nov 1, 2015   modified Modified on Nov 1, 2015
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से 30 अप्रैल तक धान के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के राइस मिलर्स, कमीशन एजेंट और व्यापारी खाद्य विभाग की अनुमति से ही धान का आयात कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें संचालक, खाद्य विभाग को आयात किए जाने वाले धान की मात्रा, किस्म, समयावधि, क्रय स्रोत और आयात मार्ग की जानकारी देते हुए अनुमति प्राप्त करनी होगी। इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश सभी कलेक्टरों को जारी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रालय में आयोजित धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 16 नंवबर से शुरू होगी। एक हजार 287 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदा जाएगा। खरीदी के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले धान को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में कड़ी निगरानी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग, राजस्व विभाग और मंडी समितियों की टीम बनाकर दूसरे राज्यों की सीमा से जुड़े इलाकों में धान के परिवहन पर लगातार नजर रखने कहा। मुख्यमंत्री ने असमय बारिश से बचाव के लिए धान खरीदी केन्द्रों में पुख्ता व्यवस्था करने को कहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि मनरेगा फंड का उपयोग उपार्जन केन्द्रों में ठोस फड़ बनाने में किया जाए। मुख्यमंत्री ने धान खरीदी के लिए बारदानों, भंडारण और परिवहन व्यवस्था के साथ ही उपार्जित धान की मिलिंग की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने फड़ों की साफ-सफाई, कम्प्यूटर, प्रिंटर, जनरेटर, इंटरनेट कनेक्शन, आर्द्रतामापी यंत्र, कांटा-बांट व हमालों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि चालू खरीफ वर्ष में धान की मिलिंग के लिए राइस मिलों का पंजीयन जारी है। अब तक 109 मिलों का पंजीयन किया जा चुका है। पिछले वर्ष प्रदेश में 63 लाख टन से अधिक धान खरीदा गया था। अब तक 62 लाख टन धान का निराकरण कर लिया गया है।

13.20 लाख किसानों का पंजीयन

खाद्य सचिव ऋचा शर्मा ने बताया कि प्रदेश के एक हजार 287 सहकारी समितियों के एक हजार 976 खरीदी केन्द्रों पर 16 नवंबर से 31 जनवरी 2016 तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदे जाएंगे। इस वर्ष 13 लाख 20 हजार किसानों ने सहकारी समितियों में पंजीयन कराया है। यह पिछले वर्ष से 72 हजार अधिक है। बैठक में मुख्य सचिव विवेक ढांड, प्रमुख सचिव अमन सिंह, सचिव अमित अग्रवाल, गणेशशंकर मिश्रा, केआर पिस्दा, सुबोध सिंह, नान के एमडी बृजेश चन्द्र मिश्रा, विशेष सचिव डीडी सिंह व मनोज सोनी, संचालक जनसंपर्क राजेश सुकुमार टोप्पो व संचालक खाद्य एस. भारती दासन भी मौजूद थे।

 


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