Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | छत्तीसगढ़िया गेहूं की दो किस्में मचाएगी धूम

छत्तीसगढ़िया गेहूं की दो किस्में मचाएगी धूम

Share this article Share this article
published Published on Dec 22, 2015   modified Modified on Dec 22, 2015
बिलासपुर। छत्‍तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों में ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केंद्र में तैयार छत्तीसगढ़िया गेहूं की दो किस्में धूम मचाते दिखाई देंगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि छत्तीसगढ़ 2 व 3 किस्म के गेहूं का उत्पादन अब प्रति हेक्टेयर 34 से 42 क्विंटल होगा। वर्ष 2010 में कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने रबी की प्रमुख फसल गेहूं की किस्म का इजाद किया था। वैज्ञानिकों ने इसका नाम रतन रखा था। रतन की किस्म छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश व हरियाणा में हिट हो गई है।

प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल का उत्पादन रतन दे रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि इस बार रतन का दो हजार क्विंटल बीज अनुसंधान केंद्र से किसानों को दिया गया है। रतन के हिट होने के बाद अनुसंधान के गेहूं सुधार परियोजना के कृषि वैज्ञानिकों ने दो किस्मों का अविष्कार किया है। दोनों किस्मों का नाम भी छत्तीसगढ़ के नाम से रखा गया है। छत्तीसगढ़ 2 व छत्तीसगढ़ 3 नाम से दो उन्न्त किस्मों का उत्पादन अनुसंधान केंद्र में सफलता पूर्वक कर लिया गया है।

जानकारी के अनुसार बीजों के दोनों किस्मों के नाम को भी पेटेंट करा लिया गया है। अगले वर्ष से किसानों के खेतों में छत्तीसगढ़िया गेहूं की खेती होगी। देर से बोनी के लिए छत्तीसगढ़ 2 व जल्दी बोनी के लिए छत्तीसगढ़ 3 की किस्मों का प्रयोग होगा ।

छत्तीसगढ़ 2 की बोनी दिसंबर के महीने में होगी व छत्तीसगढ़ 3 की बोनी नवंबर के महीने में की जाएगी । छत्तीसगढ़ 2 किस्म के गेहूं का औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 34 क्विंटल व छत्तीसगढ़ 3 किस्म के गेहूं का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल तय किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना यह औसत उत्पादन है। मौसम अनुकूल रहा और किसान वैज्ञानिक तरीकोें से खेती किए तो उत्पादन का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

बोनी में विलंब के साथ ही उत्पादन में भी आता है अंतर

बोवनी में विलंब के साथ ही उत्पादन में भी अंतर आते जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बोनी में एक दिन का विलंब भी किसानों के लिए घातक हो सकता है। प्रतिदिन 60 किलोग्राम उत्पादन में अंतर आना शुरू हो जाता है। मसलन जैसे-जैसे विलंब होते जाएगा उत्पादन उसी आधार पर कम होता जाता है।

छत्तीसगढ़ 2 किस्म के बीज की बोनी दिसंबर में करना जरूरी है। तब यह 103 में पककर तैयार हो जाएगा। इसी तरह छत्तीसगढ़ 3 किस्म के बीज की बोनी नवंबर में करनी होगी। तब यह 112-114 के दिन के भीतर पककर तैयार होगा। तय मापदंड के आधार पर खेती करने वाले किसानों को भरपूर उत्पादन मिलेगा।

सोयाबीन वाले खेत में होता है बंपर उत्पादन

खरीफ फसल के दौरान जो किसान सोयाबीन की खेती करते हैं और उसकी कटाई के बाद गेहूं का फसल लेते हैं तो धान वाले खेत के मुकाबले सोयाबीन वाले खेत में गेहूं का रिकार्डतोड़ उत्पादन होता है। सोयाबीन वाले खेत गेहूं की खेती के लिए आदर्श माने जाते हैं।

किसानों को बीज उपब्लध कराने हो रही खेती

अगले वर्ष दोनों किस्मों के बीज किसानों को उपलब्ध कराने के लिए अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिकों की देखरेख में पांच एकड़ में छत्तीसगढ़ 2 व छत्तीसगढ़ 3 की खेती की जा रही है। फसल कटाई के बाद बीजों का वैज्ञानिक तरीके से बीजोपचार किया जाएगा। उसके बाद शासकीय एजेंसी के माध्यम से किसानों को बीज उपलब्ध कराने गेहूं की आपूर्ति की जाएगी।

छत्तीसगढ़ 2 व छत्तीसगढ़ 3 गेहूं का इजाद किया गया है। यह उन्‍नत किस्म है। छत्तीसगढ़ 2 विलंब से बोने वाली किस्म है। इसकी बोनी दिसंबर में होगी। यह 103 दिनों में पककर तैयार होगी। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 34 क्विंटल होगा। छत्तीगढ़ 3 किस्म के गेहूं की खेती नवंबर महीने में करनी होगी। यह 112-114 दिनों में पककर तैयार होगा। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल आएगा। डॉ अजय प्रकाश अग्रवाल-प्रमुख वैज्ञानिक गेहूं सुधार परियोजना, ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र

 


- See more at: http://naidunia.jagran.com/special-story-two-varieties-of-wheat-from-chhattisgarh-will-make-boom-610846#sthash.qa1d42E1.dpuf


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close