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न्यूज क्लिपिंग्स् | जहां घरों में आज भी नहीं लगते ताले

जहां घरों में आज भी नहीं लगते ताले

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published Published on Jan 29, 2010   modified Modified on Jan 29, 2010
रायगढ़. आज भागमभाग, वैमनस्यता के दौर मंे अगर पूरा गांव एकता के सूत्र मंे बंधकर अनोखी मिसाल पेश करे तो लोगों के लिए भी वह प्रेरणा का केंद्र बन जाता है।
जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर बसे घरघोड़ा ब्लाक मंे प्रकृति की सुरम्य वादियों मंे बसा है गांव कटंगडीह।

ग्राम पंचायत गुमड़ा के इस आश्रित गांव में करीब ९क्क् की आबादी है। यहां १क्क् से ११क् परिवार रहते हैं। यहां के ग्रामीणोें ने कई साल पहले एक नियम बना कर कसम खाई थी कि गांव का कोई भी सदस्य चोरी जैसी घटना को अंजाम नहीं देगा। इसके लिए बनाए गए नियमों को पंचायत मंे पंचों के सामने ग्रामीणों को बताया गया था। तब से लेकर आज तक ग्रामीण इस नियम का कठोरता से पालन कर रहे हैं।



सामूहिक एकता के सूत्र मंे बंधने के कारण यह गांव आसपास के गांव वालों के लिए मिसाल बन गया है। वहीं, ग्रामीणों के मन मंे भी यह बात बैठ गई है कि नियम का पालन करना उनके लिए हितकर होगा। समय के साथ ग्रामीणों को इन नियमों के बंधन का फायदा मिलने लगा। चोरी को लेकर ग्रामीणों ने करीब 30 साल पहले जो नियम बनाया था, आज इस दौर मंे भी वे उसका कठोरता से पालन कर रहे हैं। इसका सीधा असर गांव के अनुशासनव आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर पड़ रहा है।



60 से 70 साल के बुजुर्गो को वह दिन याद नहीं है, जब गांव मंे चोरी या लूट-डकैती की घटना हुई हो। धोबा राम (65) बताते हैं उनके पिता ने अपने समय के साथियों के साथ गांव मंे चोरी की घटनाओं को लेकर एक नियम बनाया था कि गांव मंे कोई भी व्यक्ति किसी के सामान को हाथ नहीं लगाएगा। चोरी की घटनाओं से सभी दूर रहें। कभी कोई चोरी की घटना सामने आती है, तो पुलिस थाने जाने की जरूरत नहीं है।



गांव के बड़े-बूढ़ों की मौजूदगी में पहले तो उस घटना के आरोपी को समझाया जाएगा, दुबारा शिकायत मिलने पर नियमों के अनुसार उसे सजा दी जाएगी। इन बातों को 30 से 40 साल होने को हैं। ग्रामीण बताते हैं कि ग्राम कटंगपाली में पिछले करीब 10 साल से किसी तरह का अपराध नहीं हुआ है। ग्रामीण अपने पूर्वजों के बनाए नियमों का पालन कर अनुशासन की एक नई गाथा लिख रहे हैं।



साकार हुआ रामराज का सपना: भूली बिसरी यादों को ताजा करते हुए गांव के 74 साल के बुजुर्ग शौकीलाल सिदार ने बताया कि भगवान राम का राज्य आज भी इतिहास मंे याद किया जाता है जिसका कारण है कि राम राज में घरों मंे ताला लगाने की परंपरा नहीं थी। उसी तरह कटंगपाली में नियमों के अनुशासन मंे बंधे लोग भी अपनी चीजों को छोड़ दूजे की वस्तु पर ध्यान नहीं देते। इसीलिए वर्षो से गांव मंे चोरी की कोई घटना नहीं हुई है। एक तरह से रामराज का सपना इस कलियुग मंे साकार हुआ है। नियमों मंे बंधे इन ग्रामीणों की आंखों मंे भी इसकी चमक साफ दिखाई दे रही थी कि उनका गांव आसपास के गांव से अलग है।



नहीं की कोई रिपोर्ट
ग्रामीणों के अनुशासन का फल कहें या उनके द्वारा नियमों के पालन करने मंे बरती गई सावधानी। करीब 10 साल से इस गांव से अपराध के लिए थाने मंे शिकायत दर्ज कराने के लिए ग्रामीणों के अब तक नहीं पहुंचने की गवाही देने के लिए तैयार है घरघोड़ा थाना। जहां १क् साल मंे दो बार घरघोड़ा थाने मंे पदस्थापना पाने वाले कर्मियों मंे से एक केआर चौहान ने भी इस बात पर हामी भरते हुए बताया कि कटंगपाली के लोग रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने नहीं आए हैं। वैसे भी यह गांव अपराध के मामलों से कोसों दूर है।


http://www.bhaskar.com/2010/01/26/100126051550_while_no_homes_now_seem_locked.html
 

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