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न्यूज क्लिपिंग्स् | जीएम फसलों का ट्रायल रोकना ठीक नहीं: आईसीएआर

जीएम फसलों का ट्रायल रोकना ठीक नहीं: आईसीएआर

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published Published on Mar 5, 2014   modified Modified on Mar 5, 2014

कृषि विशेषज्ञों ने कहा- अवैज्ञानिक तरीके से विरोध हो रहा है नई तकनीक का

ट्रालय करने से पहले ही जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों को हानिकारक बताना सही नहीं है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. एस अय्यप्पन ने कहा कि जब बड़ी आबादी वाले तमाम विकासशील देश जीएम फसलों पर अनुसंधान कर रहे हैं, तब भारत में जीएम फसलों के ट्रालय को रोकना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि जीएम फसलों का, जो विरोध हो रहा है, वह विज्ञान के तौर पर नहीं, बल्कि कुछ दूसरे डर से हो रहा है। अवैज्ञानिक दुराग्रहों के कारण जीएम फसलों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों को देखते हुए खाद्यान्न संकट का हल निकालना जरूरी है।

जब बड़ी आबादी वाले ज्यादातर विकासशील देश जीएम फसलों पर अनुसंधान कर रहे हैं, तब भारत में उस पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। वैसे भी विश्व में अभी तक एक भी प्रमाणिक या फिर वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं आई है, जिसमें जीएम फसलों से मनुष्य, जानवर या फिर पर्यावरण को नुकसान होने की बात पता चली हो।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के ज्वाइंट डायरेक्टर (रिसर्च) डॉ. के वी प्रभू ने कहा कि देश में कृषि पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है तथा बीजों में वैज्ञानिक ढंग से सुधार की लंबी परंपरा रही है, जिससे पैदावार बढ़ाने में लगातार मदद मिली है। उन्होंने कहा कि जीएम फसलों के उपयोग में सतर्कता जरूरी है, लेकिन इनसे मुंह मोड़ लेना बुद्धिमानी नहीं है।

अगर परीक्षण ही रुक गए, तो फसलों की सुरक्षा से जुड़े प्रयोगों पर भी विराम लग जायेगा। ऐसे में वह समय आ ही नहीं पायेगा, जब जीएम फसलों को सुरक्षित मानकर उनकी खेती की जायेगी। जीएम फसलों से जिंसों की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढ़ेगी, इसलिए इससे बड़े किसानों के साथ ही छोटे किसानों को भी फायदा होगा।

हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने भी जीएम फसलों की वकालत करते हुए कहा था कि कृषि उत्पादन बढ़ाने, कीटों, बीमारियों और फसल खराब करने के अन्य कारकों से लडऩे के लिए जीएम फसलें जरुरी हैं। मालूम हो कि देश में बीटी कपास की खेती व्यापक पैमाने पर हो रही है तथा बीटी कपास की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है।


http://business.bhaskar.com/article/BIZ-not-preclude-a-trial-of-gm-crops-icar-4540193-NOR.html


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