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न्यूज क्लिपिंग्स् | झोपड़ी में चल रहे हैं उत्तर बिहार के थाने

झोपड़ी में चल रहे हैं उत्तर बिहार के थाने

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published Published on Jan 26, 2010   modified Modified on Jan 26, 2010

मुजफ्फरपुर [जासं]। जब पूरे देश में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए सरकार कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहती, उत्तरी बिहार में छप्पर के नीचे थाने चल रहे हैं। कई तो कच्चे घरों या किराए के भवनों में या अन्य सरकारी विभाग के भवनों में चलाए जा रहे हैं।

पश्चिमी चंपारण में कंगली थाना तो बांध पर चल रहा है। मिथिलांचल के झंझारपुर थाने में तो छत की जगह पालिथीन का तंबू है। पश्चिम चंपारण में भी कमोबेश यही हाल है। इनमें कई ऐसे थाने भी हैं जो न सिर्फ नक्सल प्रभावित माने जाते हैं बल्कि नक्सली हमले के शिकार भी बन चुके हैं।

पश्चिम चंपारण में बगहा पुलिस जिला होने के साथ पूरी तरह नक्सल प्रभावित रहा है। जिले के चार थाने खपरैल के पुराने भवनों में चल रहे हैं। सरकार ने इन थानों के लिए पक्का भवन बनाने का आदेश दिया है, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है। नरकटियागंज भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां 14 थाने हैं, जिनमें पांच थानों की स्थित बेहद खराब है।

इसके अलावा आधा दर्जन ऐसे थाने भी हैं जो झोपड़ी व अन्य विभागों के भवनों में चल रहे हैं। कंगली थाना तो बांध पर चल रहा है। बरसात के दिनों में कई थाने दस्तावेजों को बचाने के लिए जगह खोजते हैं। नक्सल प्रभावित पूर्वी चंपारण में आठ थाने झोपड़ी में चल रहे हैं। शिकारगंज, पलनवा, पीपराकोठी, नकरदेई और हरपुर थानों पर तो कई बार नक्सली हमले भी हो चुके हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले के 21 थाने भूमि व भवनहीन हैं। पड़ोसी जिला सीतामढ़ी में 17 थाने हैं, लेकिन अधिकांश का अपना भवन नहीं है या है तो खपरैलनुमा मकान है। यही हाल नक्सल प्रभावित रीगा थाने का है। 2002 और 2006 में नक्सली हमले के बाद इसे एक स्कूल में स्थापित कर दिया गया। परसौनी में अंग्रेजों के जमाने के घर में थाना है।

मिथिलांचल का भी बुरा हाल है। मधुबनी में 34 थाने हैं। इनमें अधिकतर अंग्रेजों के जमाने के भवनों में चल रहे हैं। नेपाल से सटी सीमा के पास भेजा और खिरहर थाने झोपड़ी में चल रहे हैं। झंझारपुर थाने की छत प्लास्टिक की पन्नी से ढकी है। मस्तीपुर जिले में अंगारघाट थाना प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र में चलता है। दरभंगा के कई थाने किराए के भवन में चल रहे हैं।

मुजफ्फरपुर जिले में 37 थाने हैं। इनमें एक दर्जन थानों के पास भवन नहीं है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_6134533/
 

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