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न्यूज क्लिपिंग्स् | टमाटर के नुकसान से सरकार अनजान

टमाटर के नुकसान से सरकार अनजान

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published Published on Dec 28, 2010   modified Modified on Dec 28, 2010
रायपुर.प्रदेश में टमाटर की फसल करीब 80 फीसदी बर्बाद हो चुकी है, किसान बेहाल हैं, लेकिन सरकार को इसकी खबर ही नहीं है। प्रदेश सरकार ने केंद्र से किसानों के लिए जो विशेष पैकेज मांगा है उसमें टमाटर का जिक्र तक नहीं है।

हाल में हुई बारिश से प्रदेश में किसानी को हुए नुकसान का आकलन करने की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दी गई थी। ऐसे में उद्यानिकी विभाग ने अपनी ओर से कोई रिपोर्ट सौंपी ही नहीं। दैनिक भास्कर में सोमवार को छपी खबर के बाद उद्यानिकी संचालनालय ने जिलों से रिपोर्ट मंगवाई है।

महज दो जिले दुर्ग और जशपुर से मिली रिपोर्ट में टमाटर की 20 करोड़ रुपए की फसल खराब होने की बात कही गई है।

पिछले दिनों कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से बारिश से नुकसान के लिए विशेष पैकेज मांगा था, लेकिन उसमें टमाटर उगाने वाले किसानों के लिए राहत का उल्लेख नहीं है।

पैकेज की मांग कलेक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर की गई। इसमें सिर्फ सोसाइटियों मे रखे सरकारी धान, खलिहान में रखे किसानों के धान और रबी फसल के नकुसान का आकलन किया गया है।

महाराष्ट्र को 1600 करोड़, छग खाली हाथ

बारिश के कारण महाराष्ट्र में प्याज की फसल खराब हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक हजार करोड़ का पैकेज दिया है। वहां के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने 600 करोड़ रुपए जारी किए, लेकिन छत्तीसगढ़ में टमाटर के नुकसान होने की चर्चा भी नहीं हुई।

कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं किसान

टमाटर की खेती में अधिक लागत आती है। ज्यादातर किसानों ने जमीन बैंक में रखकर लाखों रुपए कर्ज लिए हैं। जाताघर्रा के पवन वर्मा ने छह एकड़ में टमाटर लगाया है। उन्होंने स्टेट बैंक से 10 लाख का लोन लिया है।

उनके मुताबिक हाइब्रीड टमाटर में प्रति एकड़ 60-70 हजार रुपए का खर्च आता है। देशी टमाटर में 18 से 20 हजार की लागत आती है। कंदई के किसान जालेश्वर पटेल का कहना है कि टमाटर की फसल खराब होने से उनकी आधी लागत भी वसूल नहीं हो सकी है।

बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए दो दिन पहले पत्र जारी किया गया है। टमाटर की फसल खराब तो हुई है, लेकिन नुकसान बहुत अधिक नहीं हुआ है।

- सुनील दुबे, प्रभारी संचालक उद्यानिकी विभाग

मंगाई रिपोर्ट

बारिश के 20 दिन गुजरने के बाद अफसरों की नींद टूटी। संचालनालय के अधिकारियों ने सोमवार को सामान्य अनुमान के आधार पर रिपोर्ट मंगाई। जशपुर जिले के उपसंचालक ने बारिश से फसलों को 38 प्रतिशत नुकसान होने का आकलन किया है।

वहां चार हजार हेक्टेयर में टमाटर की फसल है और छह करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। दुर्ग से 14 करोड़ रुपए के नुकसान की जानकारी भेजी गई है। दुर्ग जिले में 6200 हेक्टेयर में टमाटर की फसल है। विभाग ने केवल 15 से 20 प्रतिशत नुकसान का आकलन किया है।

"केंद्र सरकार से सभी फसलों के लिए पैकेज मांगा गया है। इसमें टमाटर विशेष का नाम नहीं है, लेकिन सभी सब्जियों के खराब होने की जानकारी दी गई। केंद्रीय दल इसके निरीक्षण के लिए जल्द आएगा।"


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