Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | दुष्कर्म के दोषियों को फांसी दिलाने वाला विधेयक मप्र विधानसभा में पास

दुष्कर्म के दोषियों को फांसी दिलाने वाला विधेयक मप्र विधानसभा में पास

Share this article Share this article
published Published on Dec 4, 2017   modified Modified on Dec 4, 2017
भोपाल। विधानसभा ने सोमवार को दंड विधि (मप्र संशोधन) विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी। इस पर सदन में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिनमें मानवता हो, मानव अधिकार उनके लिए होते हैं। ऐसे पिशाच, नरपिशाच, राक्षसों के लिए मानव अधिकार नहीं होते। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराध मानवता के लिए कलंक के समान होते हैं। उन्होंने विपक्ष के साथियों से विधेयक पारित करने में सहयोग मांगते हुए इसकी जरूरत बताई। मामूली ना-नकुर के बाद विपक्ष सहमत हुआ तो सर्वसम्मति से विधेयक पारित हो गया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

 

सरकार ने 12 साल तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में अपराधियों को फांसी की सजा देने दंड विधि में संशोधन कर दिया। यह राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद प्रदेश में प्रभावी होगा। सोमवार को सदन में संशोधित विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने चर्चा की। चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह कानून बेटी बचाने के लिए है। कोख को कत्लखाना बना दिया है। ऐसे लोगों को फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए।


चौहान ने कहा कि सख्त कानून बनाने के साथ-साथ बाकी उपाय भी जरूरी हैं। ये कानून एमपी नगर की घटना से नहीं आया। मैं पहले भी कह चुका हूं। उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम सब मिलकर विचार करें। विधानसभा पहल करेगी। मुझे पता है इस पर देशभर में बहस शुरू होगी। मैं इसके लिए तैयार हूं। होने दो बहस।


उन्होंने कहा कि जब तक जी चाहा मचला-कुचला, जब चाहा छोड़ दिया। इस पर अंकुश लगाना पड़ेगा। इक्का-दुक्का पुलिस अफसरों के मामले भी सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने संशोधित कानून के प्रावधान बताते हुए कहा कि युवतियों-बच्चियों का दूसरी बार पीछा करने को गैर जमानती रखा गया है, क्योंकि ऐसे लोग फिजिकल के साथ इंटरनेट से भी पीछा करते हैं।


नैतिक आंदोलन चलाने होंगे


मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून के अलावा प्रदेश में नैतिक आंदोलन चलाएंगे और नई पीढ़ी को मानवीय मूल्यों की शिक्षा देंगे। इससे साधु-संत, सामाजिक नेताओं को जोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस का पक्ष नहीं ले रहा, लेकिन पुलिस भी कई प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार विधानसभा के अगले सत्र में जन सुरक्षा विधेयक ला रही है। परिवार से बिछड़े और अनाथ बच्चों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टरों को निर्देश देंगे कि ऐसे बच्चों को किराए से मकान दिलाएं और उनकी पढ़ाई का इंतजाम करें।


कानून का परीक्षण तक नहीं कराया: तिवारी


कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कानून पर चर्चा करते हुए सरकार की मंशा को अच्छा, लेकिन तरीका गलत बताया। उन्होंने कहा कि ये निर्भया कांड की जांच के बाद सिफारिश करने वाले जस्टिस वर्मा का अपमान नहीं है। सरकार ने देश-प्रदेश के लोगों को भी बताना उचित नहीं समझा। जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट का परीक्षण कराए बिना कैबिनेट ने रातों-रात कानून बनाने का ऐलान कर दिया।


जस्टिम वर्मा ने अपनी रिपोर्ट में जो अनुसंशाएं की थीं, सरकार ने उन पर भी काम नहीं किया। पुलिस रिफॉर्म पर काम हो जाए तो ऐसी नौबत ही नहीं आएगी। जल्दी फैसले नहीं हो रहे। पीड़ित को कानूनी सहायता देने की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि पुराने कानून ठीक से लागू नहीं हो रहे। ये दिखावे का कानून है। बेटी बचें न बचें, सरकार सुरक्षित रहे। हमें देखना होगा कि जेंडर के आधार पर किसी के साथ अन्याय न हो।


फांसी के प्रावधान से बढ़ेंगी बच्चियों की हत्याएं, दुरुपयोग रोकने की व्यवस्था हो


विधि और विधायी कार्यमंत्री रामपाल सिंह ने दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक 2017 (क्रमांक 26 सन् 2017) प्रस्तुत किया। विपक्षी सदस्यों ने इस पर अपनी आशंकाएं जताते हुए कहा कि इसका दुरुपयोग बढ़ेगा। फांसी की सजा होने से अपराधी दुष्कृत्य के बाद सबूत नहीं छोड़ेगा बच्चियों की हत्याएं बढ़ जाएंगीं।


कांग्रेस के डॉ. गोविंद सिंह और रामनिवास रावत बोले कि इस विधेयक को लाने की जरूरत नहीं थी। राज्य को अधिकार नहीं, केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है मुख्यमंत्री केन्द्र से अनुरोध कर सकते थे। अपराधी में प्रशासन का भय और अंकुश जरूरी है। कानून का दुरुपयोग भी बढ़ेगा, आपसी रंजिश में भी शिकायतें होती हंै। ग्वालियर-चंबल में तो परंपरा है झूठे मामले लगा देते हैं।


प्रदेश हो रहा शर्मसार


डॉ. सिंह एवं रावत बोले कि हम विरोध नहीं कर रहे, ऐसी घटनाओं से प्रदेश शर्मसार हो रहा है। आग्रह यह है कि दुरुपयोग रोकने का प्रावधान भी हो। कानून का पालन कराना सरकार का धर्म है। रावत ने कहा कि प्रदेश में हर दिन 52 महिलाएं गायब हो रही हैं। कानून बनाने के पहले प्रदेश के हर जिले में सीमेन जांच की लेबोरेटरी की स्थापना कराई जाए। कभी-कभी सामूहिक दुष्कृत्य में गलत नाम भी जोड़ दिए जाते हैं।


पुरुषों की सुरक्षा भी हो


डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि पुरुषों की सुरक्षा की बात भी होनी चाहिए। इसके लिए एक कमेटी भी बनाएं। भय का वातावरण बन रहा है। विधेयक का मैं समर्थन कर रहा हूं, लेकिन दुरुपयोग की आशंकाएं भी हैं। वह शक्तिकांड पर बोले कि पुलिस कर्मचारी की पुत्री के साथ हुआ और उसे थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए परेशान होना पड़ा, यह मौजूदा व्यवस्था की खामियों को दर्शाती है।


http://naidunia.jagran.com/madhya-pradesh/bhopal-mp-assembly-pass-bill-awarding-hanged-till-death-sentence-for-convicts-of-rape-1434145?utm_source=naidunia&utm_medium=home&utm_content=p1


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close