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न्यूज क्लिपिंग्स् | देश की पहली महिला एमबीए सरपंच बनीं छवि

देश की पहली महिला एमबीए सरपंच बनीं छवि

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published Published on Mar 8, 2010   modified Modified on Mar 8, 2010

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को जहां एक ओर महिलाओं को सत्ता तक पहुंच और देशहित के निर्णयों में भागीदार बनाने के लिए संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश हुआ वहीं इस मौके पर दैनिक जागरण ने देश की पहली महिला एमबीए सरपंच से बातचीत की। जागरण प्रतिनिधि ने जींस टी शर्ट पहनकर गांव में खेती करने वाली इस महिला सरपंच को ठाठ से टै्रक्टर चलाते भी देखा और ठेठ राजस्थानी गाते हुए भी सुना।

पिछले माह हुए पंचायत चुनाव में राजस्थान के टोंक जिले के सोढ़ा गांव की सरपंच बनकर इतिहास रचने वाली तीस साल की छवि राजावत ने पहले तो दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से बीए किया और फिर पुणे से एमबीए की डिग्री हासिल की।

एमबीए करने के बाद वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने भी गई,लेकिन गांव और ग्रामीणों की सेवा के जज्बे ने उसे अपने पैतृक गांव तक पहुंचा दिया। ग्रामीणों के आग्रह और सहयोग से वह सरपंच बनी और अब अपने गांव वासियों की सेवा कर रही है।

वह सुबह उठकर खुद अपने खेत पर जाती है और ट्रैक्टर से बुवाई करने के साथ ही फसलों के रखरखाव पर ध्यान देती है। इसके बाद ग्रामीणों के बीच जाती है और वहां लोगों के अभाव अभियोग सुनने के बाद पंचायत घर में जाकर कामकाज निपटाती है। वह पंचायत को आईटी से जोड़ने का सपना रखती है। एक विशेष बातचीत में छवि ने बताया कि उसके दादाजी सोढ़ा गांव के सरपंच रहे और उन्हीं की प्रेरणा से वे ग्रामीणों की सेवा करने का संकल्प लेकर सरपंच बनी।

वे बताती है कि उनका प्रयास होगा कि वे ग्रामीणों के भरोसे पर खरा उतरे। गांव की काया पलटने के साथ ही गांव की तकदीर बदले का सोच उनके मन में है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं में जागृति लाना उनके मन की इच्छा है। गांव वालों ने चाहा कि मै सरपंच बनकर उनकी सेवा करूं इसी को ध्यान में रखकर मै काम करूंगी। छवि का कहना है कि नरेगा सहित केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा गांव को मिले और उससे यहां के लोगों की तकदीर बदले यह उनका संकल्प है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/rajasthan/4_9_6241714.html
 

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