Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | ‘न बारिश का भरोसा है, न सरकार से कोई उम्मीद’

‘न बारिश का भरोसा है, न सरकार से कोई उम्मीद’

Share this article Share this article
published Published on Apr 11, 2023   modified Modified on Apr 11, 2023

 पारी हिंदी, 11 अप्रैल

एक रात में ही ताईबाई घुले को क़रीब एक लाख रुपए का नुक़सान झेलना पड़ा था, ऐसा वह अनुमान लगाती हैं.

उस रोज़ जब अचानक भारी बारिश शुरू हो गई थी, तब 42 वर्षीय ताईबाई अपने गांव से 9 किलोमीटर दूर भालवनी में थीं. भेड़ और बकरियां चराने वाली ताईबाई बताती हैं, “शाम 5 बजे बरसात शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तेज़ हो गई.” ताज़ा-ताज़ा जोता गया खेत कुछ ही देर में कीचड़ से भर गया था, और लगभग 200 मवेशियों का उनका झुंड उसमें फंस गया था.

ताईबाई साल 2021 के दिसंबर महीने में महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में हुई भारी बरसात को याद करते हुए कहती हैं, “हम पूरी रात अपने मवेशियों के साथ कीचड़ में सने बैठे थे, और पानी में फंसे रह गए थे."

ढवलपुरी गांव के चरवाहा समुदाय की ताईबाई ने इस आपदा में अपनी 8 भेड़ें और एक बकरी गंवा दी थी. वह कहती हैं, “हमने भारी बरसात पहले देखी थी, लेकिन कभी इतना नुक़सान नहीं झेलना पड़ा था. ऐसा पहली बार हुआ था. हम बस किसी तरह अपने जानवरों को बचा लेना चाहते थे.”

ख़ासकर सतारा में 2 दिसम्बर 2021 को काफ़ी ज़्यादा बारिश हो गई थी. ज़िले की अधिकांश तालुकाओं में क़रीब 100 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई थी.


पूरी रपट- पारी हिंदी


पारी हिंदी, 11 अप्रैल https://ruralindiaonline.org/en/articles/%E0%A4%A8-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B6-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B8%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88-%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A
 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close