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न्यूज क्लिपिंग्स् | नई लीक का सिपाही

नई लीक का सिपाही

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published Published on Jan 17, 2011   modified Modified on Jan 17, 2011
स्वतंत्रता के मूल्य के घोर समर्थक अमेरिका को इसी मूल्य पर चलकर चुनौती देने वाले जूलियन असांज की उतार-चढ़ाव भरी जीवनयात्रा पर ऋषि मजूमदार का आलेख

ठिठुरते लंदन में उस दिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर मीडिया और पुलिसकर्मियों का जमावड़ा देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यूरोप में दशकों बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यह पिछली सात तारीख की बात है. दुनिया भर में अपनी वेबसाइट विकीलीक्स पर एक के बाद एक खुलासों के जरिए विभिन्न देशों के बीच वाक्युद्ध छेड़ने वाले जूलियन असांज को कोर्ट में पेश किया जा रहा था.

असांज पर स्वीडन की दो महिलाओं ने बलात्कार और यौनदुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. पिछले अगस्त स्वीडन की एक अदालत ने उन्हें मामले में निर्दोष करार दिया था. विश्व की महाशक्ति की नाक में दम करने वाले इस व्यक्ति के लिए कानूनी कार्रवाई में उलझने का यह पहला मामला नहीं है. इसकी जड़ें असांज के अतीत से जोड़ी जा सकती हैं. हाल में एक साक्षात्कार में असांज ने कहा था, ' शायद यह फ्रॉयडियन मनोविज्ञान की लोकप्रियता की वजह से है कि किसी व्यक्ति से जुड़ी घटनाओं की जड़ उसके बचपन में तलाशने की कोशिश की जाती. हालांकि किसी के सोचने-समझने के तरीके उसे अपने वंश से मिलते हैं.' हो सकता है  यह बात सच हो. और मनोविज्ञानियों के सिद्धांतों को किनारे कर दिया जाए तो भी असांज के व्यक्तित्व और उनके बचपन की असामान्य घटनाओं के बीच कुछ संबंध जोड़े जा सकते हैं. कहानी उनकी मां से शुरू की जानी चाहिए जो 17 साल की उम्र में अपनी किताबें जलाकर मोटरसाइकिल लेकर घर से भाग गई थीं. असांज का जन्म 1971 में ऑस्ट्रेलिया के टाऊंसविले में हुआ था और इसके एक साल बाद उनकी मां, क्रिस्टीन ने इस नवजात शिशु के पिता एक थिएटर निर्देशक से शादी की. क्रिस्टीन औपचारिक शिक्षा को बेकार की कवायद मानती थीं,  इसलिए असांज को उन्होंने घर पर ही पढ़ाने का फैसला किया. एक साक्षात्कार में असांज कहते हैं, ' मेरा काफी वक्त पुस्तकालयों में बीतता था. किताबों में मैं उद्धरणों की तरफ आकर्षित था और उनके हिसाब से खुद को ढालने की कोशिश करता था.'

इसी बीच क्रिस्टीन का अपने पति से तलाक हो गया और असांज की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई. 14 साल का होते-होते असांज अपनी मां के साथ 37 बार घर बदल चुके थे. क्रिस्टीन को हमेशा से लगता था कि असांज के पिता उन्हें छीनकर ले जाएंगे. इसी बीच पड़ोस की एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान से इस किशोर को कंप्यूटर सीखने का चस्का लगा. वे जल्दी ही प्रोग्रामिंग में दक्ष हो गए. इसका सबसे बड़ा सबूत यह था कि महज 16 साल की उम्र से उन्होंने हैकिंग की शुरुआत कर दी. तब वे मैंडेक्स (लैटिन शब्द जिसका अर्थ है सलीके से  झूठ बोलने वाला) के नाम से हैकिंग करते थे. अपने दो साथियों के साथ मिलकर उन्होंने एक समूह इंटरनेशनल सबवर्सिव्स बनाया था, जिसने यूरोप, उत्तरी अमेरिका, यूएस  डिफेंस नेटवर्क और लॉस अलामॉस नेशनल लेबोरेटरी के कई कंप्यूटरों में घुसपैठ की थी. असांज हैकिंग संस्कृति से जुड़ी एक किताब अंडरग्राउंड के सहलेखक भी  हैं. किताब में हैकिंग से जुड़े कुछ बेहद बुनियादी ‘नियम’ भी दिए गए हैं. जैसे जिस कंप्यूटर सिस्टम को आप हैक कर रहे हैं उसे स्थायी नुकसान न पहुंचाया जाए , सूचनाओं में हेरफेर न करें सिवाय अपनी पहचान छिपाने के लिए जरूरी कदमों को छोड़कर. और सूचनाओं को साझा करें.

असांज जब 17 साल के हुए तो जो इस उम्र के अमूमन हर व्यक्ति के साथ होता है, वह उनके साथ भी हुआ. उन्हें प्रेम हो गया. लड़की उनसे एक साल छोटी थी. असांज उसके साथ अपने घर में रहने लगे. इसी दौरान पहली बार उनका वास्ता कानूनी दांवपेचों से हुआ. असांज पर आरोप लगा कि सिटीबैंक की वेबसाइट से छेड़खानी करके उन्होंने पांच लाख डॉलर चुराए हैं. पुलिस ने उनके घर पर छापा मारकर, उनका कंप्यूटर और दूसरे उपकरण जब्त कर लिए. हालांकि असांज पर आरोप साबित नहीं हो पाए और वे अपने कंप्यूटरों के साथ वापस घर आ गए. तब तक उनकी जीवनसाथी गर्भवती हो चुकी थी. 18 साल की उम्र में उन्होंने इस लड़की से शादी कर ली और इसी साल वे पिता भी बन गए. अब तक हैकिंग पहले की तरह चलती रही. कानूनी मुठभेड़ का दूसरा दौर भी असांज की जिंदगी में जल्दी ही आ गया. वे तब ऑस्ट्रेलिया में रह रहे थे और उनके समूह ने कनाडा की टेलीकॉम कंपनी नॉर्टेल के कंप्यूटरों में घुसपैठ की थी. संघीय पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया, लेकिन मुकदमे के दौरान यह पाया गया कि यह घुसपैठ महज जिज्ञासावश की गई थी. इस मामले में मामूली जुर्माना देकर असांज सजा से बच गए, हालांकि इसके बाद भी उनका कोर्ट के चक्कर काटना बंद नहीं हुआ क्योंकि उनकी पत्नी उनसे अलग हो चुकी थी और वे अपने बेटे डेनियल की कस्टडी चाहते थे.

असांज के लिए वह तब तक का सबसे मुश्किल वक्त था. सरकार की बाल सुरक्षा एजेंसी ने उन्हें अपने बच्चे की कस्टडी के लिए अपील करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इसके विरोध में असांज  और उनकी मां ने बाल सुरक्षा से जुड़ी एक सामाजिक संस्था का गठन कर लिया. असांज के निजी जीवन से जुड़ा यह मामला 1999 में सुलझ गया. इस समय तक दोनों पक्ष केस से बुरी तरह परेशान हो गए थे. उनकी मां इस कानूनी झगड़े से जुड़ी परेशानी पर टिप्पणी करते हुए कहती हैं, 'असांज काफी परेशान हो चुका था, पहले उसके काले बाल हुआ करते थे लेकिन यह लड़ाई लड़ते-लड़ते उसके बाल भूरे और सफेद हो गए.'

इन घटनाओं के बीच असांज एक से दूसरी  नौकरी पकड़ते रहे, जो ज्यादातर कंप्यूटर सुरक्षा से जुड़ी थीं. असांज ने यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न में भौतिक विज्ञान और गणित की पढ़ाई की. कुछ लोग यह भी मानते हैं कि उन्होंने यहां दर्शन के साथ-साथ तंत्रिका विज्ञान की भी पढ़ाई की है. कुछ ही सालों के दौरान वे अपनी पढ़ाई-लिखाई, योग्यता और जीवन के अनुभवों को एक बिंदु पर इकट्ठा करने के लिए तैयार थे. 2006 में लिखे अपने एक निबंध कांस्पाइरेसी एज गवर्नेंस (षड्यंत्र के रूप में शासन) में वे कहते हैं, ‘कोई संगठन जितना ज्यादा गुप्त और बेईमान होगा, खुलासे उसके नेतृत्व और रणनीतिकारों में उतना ज्यादा भय उत्पन्न करेंगे’. अपने विचारों को अमलीजामा पहनाने के लिए उन्होंने इसी साल विकीलीक्स की स्थापना की. आज असांज की सोच और विकीलीक्स के रूप में उनका हथियार दुनिया की एकमात्र महाशक्ति के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुका है.

असांज की गिरफ्तारी के एक दिन पहले अमेरिका के पूर्व अटॉर्नी जनरल माइकल मुकसे ने कहा था कि असांज को अमेरिका लाया जाना चाहिए क्योंकि स्वीडन की तुलना में अमेरिका के लिए किया गया उनका अपराध ज्यादा बड़ा है. इसके अलावा राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी रह चुकी  सारा पालेन भी सारी हदें लांघते हुए कह चुकी हैं कि असांज की खोजबीन ओसामा बिन लादेन की तरह की जानी चाहिए.

असांज का खुद को पत्रकार कहना अमेरिकी सरकार और असांज विरोधी लॉबी के लिए उनकी आलोचना का सबसे बड़ा आधार है. इस वर्ग का कहना है कि वे सूचनाओं को उनके संदर्भ से काटकर दे रहे हैं जो गलत है. और दूसरी बात यह कि आईएसआई की तालिबान को मदद  या नाटो के अभियान में नागरिकों की मौत जैसी खबरें तो उन्हें भी मिली हैं लेकिन उनकी पुष्टि नहीं की जा सकती. इन लोगों का कहना है विकीलीक्स दावा करती है कि उसकी सूचनाएं 'रॉ इन्फॉर्मेशन'  हैं यानी उन्हें उनके मूल रूप में दिया जा रहा है. और यह सच है कि कूटनीतिज्ञों की बातचीत में इस्तेमाल शब्दों के आधार पर किन्हीं दो देशों के संबंध निर्धारित नहीं होते. लेकिन विकीलीक्स के दस्तावेजों को पढ़ने वाले से आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह इतने आगे जाकर घटनाओं पर विचार करे. विकीलीक्स की आलोचना करने वाले दूसरे वर्ग का कहना है कि असांज ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कई लोगों की जान जोखिम में डालने का काम किया है.

स्वीडन सरकार की तरफ से पैरवी करने वाली सरकारी संस्था की निदेशक मैनियाने कहती हैं, 'असांज पर बलात्कार के आरोपों का विकीलीक्स से कोई संबंध नहीं है'. लेकिन जैसा कि विकीलीक्स के आलोचक उस पर संदर्भ काटकर सूचना देने का आरोप लगाते हैं, वैसे ही सारी दुनिया समझती है कि असांज पर लगे आरोपों को संदर्भों के बिना देखना उनके साथ ज्यादती है.

http://www.tehelkahindi.com/mulakaat/shakhsiyat/796.html


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