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न्यूज क्लिपिंग्स् | नीलगायों से फसल की बर्बादी पर केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस

नीलगायों से फसल की बर्बादी पर केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस

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published Published on Mar 3, 2010   modified Modified on Mar 3, 2010

पटना पूर्वी चंपारण के वन पदाधिकारियों की माने तो वहां नीलगाय प्रतिवर्ष 626 करोड़ की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। नीलगायों के प्रकोप से डेढ़ सौ लाख हेक्टेयर फसल चौपट हो रही है मगर राज्य सरकार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। एक लोकहित याचिका में उठाये गये इस गंभीर समस्या को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। दोनों को दो महीने में जबावी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र व न्यायाधीश मिहिर कुमार झा की खंडपीठ ने किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मधुरेन्द्र की याचिका पर सुनवाई के क्रम में सरकार को नीलगायों पर नियंत्रण पाने का उपाय तलाशने का निर्देश दिया।

आवेदक के वकील अंशुल ने कोर्ट को बताया कि किसानों की हालत से भली भांति अवगत होने के बावजूद वन पदाधिकारी कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। दरअसल वन्य जीवों का शिकार करने पर भी प्रतिबंध है। अधिवक्ता ने अदालत को यह जानकारी दी कि करीब 65 सौ नीलगाय खेतों पर धावा बोल देते हैं। उन्हें भगाने में किसान बेहाल हो जाते हैं। नीलगाय द्वारा रातों-रात फसल को चट कर लिया जाता है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश में ऐसी स्थिति से आजिज आकर वहां की सरकारों ने नीलगायों को मारने की अनुमति दे दी। उन्होंने वैज्ञानिकों के अध्ययन व उसके निष्कर्ष की जानकारी अदालत को दी जिसमें कहा गया है कि नीलगायों के सफाये से इकोलाजिकल संतुलन नहीं बिगड़ने वाला है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_6226821_1.html
 

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