Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष पहली ही तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.4 फीसदी फिसली

नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष पहली ही तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.4 फीसदी फिसली

Share this article Share this article
published Published on Sep 1, 2017   modified Modified on Sep 1, 2017
नयी दिल्ली: देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में घटकर 5.7 फीसदी पर आ गयी है. यह इसका तीन साल का निचला स्तर है. यह लगातार दूसरी तिमाही है, जबकि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से पीछे रही है. विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती के बीच नोटबंदी का असर कायम रहने से जीडीपी की वृद्धि दर कम रही है. चीन ने जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून तिमाहियों दोनों तिमाहियों में 6.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. इससे पिछली तिमाही (जनवरी मार्च) में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही थी. 2016-17 की पहली तिमाही की संशोधित वृद्धि दर 7.9 फीसदी थी. इससे पहले जनवरी-मार्च, 2014 में जीडीपी की वृद्धि दर 4.6 फीसदी दर्ज हुई थी.

सालाना आधार पर विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) भारी गिरावट के साथ 1.2 फीसदी रह गया. एक साल पहले समान तिमाही में यह 10.7 फीसदी रहा था. इसकी मुख्य वजह यह रही कि एक जुलाई को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने की वजह से कंपनियां उत्पादन के बजाय पुराना स्टॉक निकालने पर ध्यान दे रही थीं. अलग से जारी एक अन्य आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, जुलाई महीने में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 2.4 फीसदी पर आ गयी है. मुख्य रूप से कच्चे तेल, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट उत्पादन में गिरावट से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटी है.

नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी को लेकर अनिश्चितता की वजह से कार, एफएमसीजी और परिधान कंपनियों का ध्यान अपना स्टॉक निकालने पर था. पिछले साल नवंबर में ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद किये जाने से जनवरी-मार्च की तिमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं और जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.1 फीसदी पर आ गयी. जून तिमाही में यह और घटकर 5.7 फीसदी पर रह गयी.

मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने जीएसटी से पहले स्टॉक घटने को जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह बताया है. कंपनियों को नयी व्यवस्था के अनुरूप अपने मौजूदा स्टॉक की नये सिरे से लेबलिंग करनी पड़ी. हालांकि, अनंत ने कहा कि जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट का नोटबंदी से कोई संबंध नहीं है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़े बाजार की उम्मीदों से कम रहे हैं. बाजार का अनुमान था कि जीडीपी की वृद्धि दर जनवरी-मार्च के 6.1 फीसदी के आंकड़े से कुछ ऊंची रहेगी.

आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर भी कम रही है. पहली तिमाही में इस क्षेत्र में जीवीए 2.3 फीसदी रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2.5 फीसदी था. पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने कहा कि पहली तिमाही में जीएसटी की वजह से जीडीपी कमजोर रहने का अनुमान लगाया जा रहा था. सेन ने कहा कि जहां तक मेरा मानना है, यह मेरे विचार से 0.4 फीसदी कम रही है. मैं पूरे साल के लिए इसके 6.3 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद कर रहा हूं.

क्रिसिल के डीके जोशी ने जीडीपी आंकड़ों को 'निराशाजनक ' बताया. उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी. एंजिल ब्रोकिंग के फंड मैनेजर मयूरेश जोशी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर पर यह दबाव जाहिरा तौर पर नोटबंदी के विलंबित प्रभाव और एक जुलाई को लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से पहले उत्पादन गतिविधायों में गिरावट के चलते रहा, क्योंकि विनिर्माताओं की मुख्य चिंता जीएसटी से पहले पुराने माल के निकालने की हो गयी थी.

जिन आर्थिक गतिविधियों ने सालाना आधार पर सात फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की, उनमें व्यापार, होटल, परिवहन और संचार तथा प्रसारण, लोक प्रशासन और रक्षा से संबंधित सेवाओं के अलावा बिजली, गैस, जलापूर्ति तथा अन्य यूटिलिटी सेवाएं शामिल हैं. इस अवधि में कृषि, वन एवं मत्स्यपालन, खनन, विनिर्माण, निर्माण और वित्तीय, बीमा, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर क्रमश: 2.3 फीसदी, -0.7 फीसदी, 1.2 फीसदी, 2 फीसदी और 6.4 फीसदी रही. इस बीच, जुलाई अंत तक देश का राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 92.4 फीसदी पर पहुंच गया. इसकी वजह विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा खर्च पहले करना है. वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में यह लक्ष्य का 73.7 फीसदी रहा था.


http://www.prabhatkhabar.com/news/economy/gdp-growth-rate-sleep-0-4-per-cent-in-first-quarter-in-fiscal-year-2017-18-after-demonetisation/1047686.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close