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न्यूज क्लिपिंग्स् | पाइपलाइन से आ रहा है सीवर मिक्स पानी-पूनम पाण्डे

पाइपलाइन से आ रहा है सीवर मिक्स पानी-पूनम पाण्डे

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published Published on Aug 2, 2011   modified Modified on Aug 2, 2011

नई दिल्ली
एमसीडी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि दिल्ली के कई इलाके में लोगों को सीवर मिक्स पानी पीना पड़ रहा है। जल बोर्ड की पाइप लाइन में लीकेज की वजह से लोगों के घरों में सीवर का पानी जा रहा है। जल बोर्ड इन पाइप लाइनों को दुरुस्त नहीं कर रहा है। जल बोर्ड ने एमसीडी के सर्वे के बारे में जानकारी होने से इनकार किया और कहा कि यह घबराहट पैदा करने की कोशिश है। इसका फायदा बोतलबंद पानी बेचने वालों को मिलेगा।

' नहीं मिली रिपोर्ट '
 
जल बोर्ड के सीईओ रमेश नेगी ने कहा कि हमें एमसीडी की तरफ से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। अखबारों के जरिए हमें पता चला कि एमसीडी ने सर्वे किया है। उन्होंने कहा कि यह जॉइंट सर्वे नहीं था जैसा एमसीडी कह रहा है। हमारे किसी भी अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं थी। हमने दो बार एमसीडी को चिट्ठी लिखकर जॉइंट सर्वे करने को कहा , लेकिन एमसीडी ने कोई जवाब नहीं दिया।

दूसरी तरफ एमसीडी के हेल्थ कमिटी के चेयरमैन वी . के . मोंगा ने जोर देकर कहा कि यह जॉइंट सर्वे था। उन्होंने कहा कि हमेशा जॉइंट सर्वे ही किया जाता है। हमारी टीम के साथ जल बोर्ड के लोकल अधिकारी भी थे और अगर उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी तो हम क्या कर सकते हैं। मोंगा ने कहा कि हमने 25 मार्च को जल बोर्ड की चेयरमैन मुख्यमंत्री को गंदे पानी के बारे में लिखा था। हमें दो महीने बाद इसका जवाब मिला कि उन्होंने यह पत्र जल बोर्ड को भेज दिया है। एमसीडी का आरोप है कि जल बोर्ड की लापरवाही की वजह से दिल्ली के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। वहीं , जल बोर्ड के सीईओ ने कहा कि हम भी यह कह सकते हैं कि आपका ( एमसीडी ) नाला गंदा क्यों है। उन्होंने कहा कि बरसात में नालों में पानी भर जाता है और उसके पास से गुजर रही पानी की पाइप लाइन पर प्रेशर बढ़ जाता है।

14 हजार किमी लंबी पाइप लाइन
 
रमेश नेगी ने कहा कि दिल्ली में 14 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी पानी की पाइप लाइन है। हर दिन कंटामिनेशन की 20 से 40 शिकायतें आती हैं। कंटामिनेशन पाइप लाइन या फिर सर्विस कनेक्शन में लीकेज की वजह से हो सकता है। उन्होंने कहा कि आधी दिल्ली अनियोजित तरीके से बसी है। यहां पानी की पाइप लाइन के लिए कोई अलग से कॉरिडोर नहीं है। वैसे सीवर लाइन पानी की लाइन से नीचे हैं , लेकिन कई अनॉथराइज्ड कॉलोनी में सीवर लाइन और पानी की लाइन एक ही स्तर पर हैं।

नेगी ने कहा कि जब पाइप लाइन बदलने की बात होती है , तो एमसीडी से हमें रोड काटने की परमिशन नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि हाल ही में इंद्रपुरी में जब बहुत दिनों तक इजाजत नहीं मिली तो हमने बिना परमिशन के ही रोड काट दी , जिस पर एफआईआर भी हुई। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करेंगे कि परमिशन मिलने की प्रकिया को सरल बनाया जाए , ताकि जल्दी परमिशन मिल जाए। जल बोर्ड के चीफ इंजीनियर बी . एम . धवन ने एमसीडी का नाम लिए बिना कहा कि सोचने वाली बात यह है कि बरसात में ही क्यों ज्यादा कंटामिनेशन होता है। ड्रेनेज सिस्टम को भी ठीक करने की जरूरत है।

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/9447069.cms


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