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न्यूज क्लिपिंग्स् | पुलिस किन परिस्थितियों में लोगों पर बल का प्रयोग कर सकती है?

पुलिस किन परिस्थितियों में लोगों पर बल का प्रयोग कर सकती है?

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published Published on Dec 19, 2019   modified Modified on Dec 19, 2019
बीते 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस में घुसकर पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसायीं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की थी और कई बसों में आग लगा दी थी. इस वजह से विश्वविद्यालय के अंदर पुलिस ने यह कार्रवाई की.

भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की जमकर आलोचना की जा रही है. लोग इस कार्रवाई को संविधान और मानवाधिकारों का उल्लंघन बता रहे हैं. आइये जानते हैं कि भारतीय संविधान पुलिस को किन-किन परस्थितियों में बल प्रयोग करने की इजाजत देता है और कानून की किताब को देखते हुए जामिया के छात्रों पर की गई कार्रवाई कितनी सही नजर आती है.

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भारतीय संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी है. इसके अनुच्छेद 19(1)(ब) के मुताबिक देश के सभी नागरिकों को इकट्ठा होकर शान्तिपूर्ण तरीके से विरोध जताने का अधिकार है. इसमें कहा गया है कि विरोध जताने के दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में कोई हथियार नहीं होने चाहिए.

पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) - 1973, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) - 1860 और पुलिस अधिनियम - 1861 के तहत किसी आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और गैरकानूनी सभाओं को संभालने के लिए अधिकार दिए गए हैं.

सीआरपीसी की धारा-129 और 130 में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए, यह बताया गया है. धारा-129 के मुताबिक कार्यकारी मजिस्ट्रेट या संबंधित पुलिस स्टेशन का प्रभारी किसी ऐसे गैरकानूनी प्रदर्शन को तितर-बितर करने का आदेश दे सकता है, जिससे सामाजिक शांति बिगड़ने या हिंसा फैलने की आशंका हो.

अगर प्रदर्शनकारी पुलिस और प्रशासन के बार-बार कहने के बाद भी विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करते हैं तो उस स्थिति में कार्यकारी मजिस्ट्रेट या पुलिस स्टेशन का प्रभारी बलपूर्वक प्रदर्शन खत्म करवाने का आदेश भी दे सकता है. इस दौरान पुलिस ऐसे लोगों की भी मदद ले सकती है जो सशस्त्र बल का हिस्सा नहीं हैं. धारा-129 में यह भी कहा गया है कि यदि जरूरत पड़े तो पुलिस प्रदर्शन में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर सकती है और इन्हें कानून के अनुसार सजा भी दी जा सकती है.

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सीआरपीसी की धारा-130 में प्रदर्शनों को रोकने या भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा किस तरह के बल का प्रयोग किया जाए यह बताया गया है. इसके अनुसार पुलिस को इस बात का ध्यान रखना है कि वह प्रदर्शनकारियों पर उतने ही बल का प्रयोग करे जिससे उन्हें हटाया जा सके और गिरफ्तार किया जा सके. धारा-130 में कम से कम बल का प्रयोग करने की बात विशेष रूप से कही गई है.

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-141 और 146 में गैरकानूनी जमाव या प्रदर्शन किसे कहते हैं और ऐसा करने वाले लोगों पर कार्रवाई के बारे में बताया गया है.
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

अभय शर्मा, सत्याग्रह


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