Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा की चिंता ने माता-पिता को बनाया मानसिक बीमार

बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा की चिंता ने माता-पिता को बनाया मानसिक बीमार

Share this article Share this article
published Published on Dec 24, 2017   modified Modified on Dec 24, 2017
इंदौर। बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावकों के तनाव में आने के ये कुछ उदाहरण हैं, जबकि ऐसे सैकड़ों माता-पिता हैं, जिनकी नींद बच्चों के परीक्षा और पढ़ाई ने उड़ा दी है। इनमें से कई में गंभीर बीमारी के संकेत हैं। मनोचिकित्सकों के मुताबिक पिछले दो-तीन वर्षों में दिसंबर से मई-जून तक कुल मरीजों में 60 फीसदी अभिभावक शामिल होते हैं।

मनोचिकित्सकों के पास नींद नहीं आने और हमेशा घबराहट होने की परेशानी लेकर आने वाले केस बढ़ गए हैं। पढ़ाई को स्टेटस सिंबल मानने की गलती कर बच्चों से जरूरत से ज्यादा उम्मीद ने अभिभावकों को बीमार बना दिया है। मनोचिकित्सकों के मुताबिक बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, सिविल परीक्षाओं की तारीखें नजदीक आते ही बीमारियों के केस बढ़ने लगते हैं।रोजाना चार-पांच नए केस आ रहे हैं। माता-पिता की परेशानी का असर यह है कि बच्चों का आत्मविश्वास कम हो रहा है।

दिन-रात बना रहता है तनाव

पलासिया निवासी कविता तिवारी के बेटे की फरवरी में बोर्ड परीक्षा है। उन्होंने पारिवारिक कार्यों आदि के लिए रिश्तेदारों के घर जाना बंद कर दिया। बेटे को सुबह जल्दी उठाने और उसका समय प्रबंधन करने में उनकी नींद उड़ गई है। दिन-रात तनाव में बीत रहा है।

दिनचर्या हुई अस्तव्यस्त

विजय नगर में रहने वाले दीपक चौहान की बेटी एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा देने वाली है। उसकी दिनचर्या पूरी करते-करते माता-पिता की दिनचर्या अस्तव्यस्त हो गई है। न कहीं आने-जाने का मन होता है न किसी से मिलने का। रिजल्ट के बारे में सोचकर उनका दिमाग थक जाता है।

दो साल से हैं डिप्रेशन में

पीएससी की तैयारी कर रहे 27 साल के बेटे का दो बार चयन नहीं हुआ। सूर्यदेवनगर निवासी अमिता कुलकर्णी दो साल से डिप्रेशन की शिकार हैं। बेटे को पढ़ाई करते देखती हैं तो चिड़चिड़ाहट होती है। मां की हालत बिगड़ने से बेटा मनोचिकित्सक से इलाज करवा रहा है।

(पहचान छिपाने के लिए नाम परिवर्तित किए गए हैं)

पड़ोसी और रिश्तेदार क्या कहेंगे

मनोचिकित्सक डॉ. पवन राठी के मुताबिक कुछ सालों में मानसिक बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़े हैं। परीक्षाओं का तनाव विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों को भी हो रहा है। ज्यादातर अभिभावक सोचते हैं परीक्षा में चयन नहीं हुआ तो पड़ोसी और रिश्तेदार क्या कहेंगे? कोचिंग क्लास में लाखों रुपए फीस भरी हुई डूबने और निराश होने पर बच्चों के गलत कदम उठाने का भी खतरा रहता है।

बढ़ती अपेक्षाएं बना रही बीमार

मनोचिकित्सक डॉ. वीएस पाल ने बताया माता-पिता की बढ़ती अपेक्षाएं उन्हें बीमार बना रही हैं। बच्चे भी अपेक्षाएं पूरी करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आत्मविश्वास कमजोर पड़ने पर डिप्रेशन के शिकार होने लगते हैं। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की क्षमता समझकर अपेक्षा करना चाहिए।

हर चौथा मरीज 'डॉक्टर'

मनोचिकित्सकों के मुताबिक इन दिनों मानसिक बीमारी से ग्रस्त हर चौथा मरीज डॉक्टर है। एमबीबीएस करने के बाद विद्यार्थी पीजी की तैयारी करते हैं, उस दौरान पढ़ाई का तनाव और अस्पताल में 12 घंटे की ड्यूटी देकर परेशान हो जाते हैं। डॉ. राठी के अनुसार इन दिनों एमजीएम मेडिकल कॉलेज और अरबिंदो अस्पताल सहित विभिन्ना निजी कॉलेजों में पढ़ने वाले डॉक्टर मानसिक बीमारियों का उपचार करवा रहे हैं। पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए मनोचिकित्सकों से काउंसिलिंग करवाते हैं।

माता-पिता ये रखें ध्यान

-बच्चों को डराएं नहीं, उन्हें परीक्षा में पास होने के लिए प्रेरित करें।

-बच्चे से क्षमता से ज्यादा उम्मीद न करें।

-बच्चों की पढ़ाई को लेकर अपनी परेशानी न बताएं।

-बच्चों की पढ़ाई के लिए खुद के कार्यक्रम न बदलें। सामान्य दिनचर्या चलाएं।

(मनोचिकित्सकों के मुताबिक)


https://naidunia.jagran.com/madhya-pradesh/indore-children-education-and-anxiety-about-exams-made-parents-ill-1467971?utm_source=naidunia&utm_medium=home&utm_content=p1


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close