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न्यूज क्लिपिंग्स् | बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी

बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी

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published Published on Jun 22, 2023   modified Modified on Jun 22, 2023

मोंगाबे हिंदी, 22 जून

समुद्रतल से बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में एक ऐसी पक्षी का घर है जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। ये घर चट्टानों के गोल पत्थरों के बीच छिपे होते हैं। यह पक्षी सदियों से प्रकृति प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञों को आकर्षित करते आया है। इसे हम आइबिस बिल (Ibidorhyncha struthersii) के नाम से पहचानते हैं, जो अपनी करिश्माई प्रकृति और दुर्लभता के कारण ‘हिमालय के आश्चर्यजनक पक्षी’ के रूप में जाना जाता है।

पृथ्वी के ध्रुवी क्षेत्रों के बाहर अगर कहीं सबसे अधिक हिमाच्छादित (बर्फ से पटे हुए) इलाके हैं, तो वे कश्मीर हिमालय और तिब्बती पठार के पहाड़ों में हैं। हिमालय के ग्लेशियरों ने इस क्षेत्र की आद्रभूमि के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है. जैसे-जैसे हिमालय के ग्लेशियर जमते और पिघलते हैं, वैसे-वैसे उच्च-ऊंचाई वाले आर्द्रभूमि (high-altitude wetlands) को रिचार्ज करते चले जाते हैं। उच्च-ऊंचाई वाली आर्द्रभूमि को आमतौर पर समुद्र तल से 3000 मीटर (m asl) ऊपर और ट्री लाइन व परमानेंट स्नो लाइन के बीच स्थित अस्थायी या स्थायी नमी वाले इलाकों के रूप में परिभाषित किया जाता है। उच्च ऊंचाई वाली आर्द्रभूमि जल, जैव विविधता, आजीविका और पारिस्थितिकी तंत्र की गतिशीलता के लिए महत्वपूर्ण स्रोत और संसाधन हैं। इनमें से कई उच्च-ऊंचाई वाले वेटलैंड आइबिस बिल जलपक्षियों का घर हैं।
पूरी खबर- मोंगाबे हिंदी


मोंगाबे हिंदी, 22 जून https://hindi.mongabay.com/2023/06/22/ibisbill-the-poorly-understood-himalayan-waterbird-faces-threats-finds-study/
 

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