Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | बांदा के इस गांव में बच्चों को बांधकर काम करने जाती हैं महिलाएं

बांदा के इस गांव में बच्चों को बांधकर काम करने जाती हैं महिलाएं

Share this article Share this article
published Published on Jun 8, 2017   modified Modified on Jun 8, 2017
जिला मुख्यालय से सटे पल्हरी गांव का मजरा किलेदार का पुरवा स्वच्छता की मिसाल पेश कर रहा है। यहां न तो नाली हैं और न ही शौचालय, फिर भी गांव की गलियों में गंदा पानी नहीं बहता। इसके लिए ग्रामीणों ने खास व्यवस्था कर रखी है।

देश भर में स्वच्छता अभियान की धूम है। पर बांदा के इस गांव पर किसी की नजर नहीं पड़ी। ऐसे में गांव वालों ने खुद ही व्यवस्था कर ली है। कोई भी परिवार सड़क पर पानी नहीं बहाता। सबने घर के सामने दो से ढाई फुट का गड्ढा बना रखा है। गंदा पानी उसी में इकट्ठा करते हैं। गड्ढा भर जाने पर पानी बाल्टी में भरकर दूसरे स्थान पर फेंक आते हैं। बच्चों को इन गड्ढों से बचाने के लिए महिलाएं काम करते वक्त बच्चों को बेड पर रस्सी के सहारे बांध देती हैं ताकि वे इन गड्ढों में न गिरें। गांव की आरती का कहना है कि आम रास्ते पर घरों का पानी न बहे इस वजह से गड्ढे में पानी इकट्ठा किया जाता है। यह परंपरा कई दशक से चली आ रही है। अजय का कहना है कि महिलाएं स्नान के पहले इन गड्ढों से गंदा पानी निकालकर फेंक देती हैं।

विकास से अछूता है किलेदार का पुरवा

किलेदार का पुरवा में पक्की सड़क तो है लेकिन सड़क के किनारे नाली नहीं है। बारिश के दिनों में घरों से निकलना दूभर हो जाता है। ओडीएफ के नाम पर यहां एक भी नए शौचालय नहीं बनवाए गए। गिने-चुने परिवारों के पास ही शौचालय है। ग्राम पंचायत पल्हरी की विकास योजनाएं यहां के लोगों को चिढ़ा रही हैं।

एसडीएम ने की सराहना, गांव में कराएंगे विकास

एसडीएम प्रहलाद सिंह का कहना है कि गांवों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर दिक्कत है। किलेदार के पुरवा में सड़क निर्माणाधीन है। सड़क बनने के साथ ही किनारे नाली का भी निर्माण कराया जाएगा। गांव के लोगों ने एक अच्छी पहल की है कि उन लोगों ने अपने घर के सामने छोटा गड्ढा पानी एकत्र करने के लिए बना लिया है। ऐसे में पानी की बर्बादी नहीं होती और गंदगी भी नहीं फैलती।

तो इसलिए बच्चों को बांधकर जाती हैं महिलाएं
इस गांव में बच्चों को इन गड्ढों से बचाने के लिए महिलाओं ने नायाब तरीका खोज निकाला है। किलेदार के पुरवा गांव में पुरुष काम पर चले जाते हैं तो महिलाएं और बच्चे ही बचते हैं। ऐसे में काम करते वक्त बच्चों को बेड पर रस्सी के सहारे बांध दिया जाता है। गांव की पूनम के बच्चे वंश (3 साल) और आरती (2 साल) की हैं। दोनों का पैर एक पतली रस्सी से बंधा मिला। पूनम कहती हैं कि बच्चों को साथ लेकर घर का काम तो नहीं कर सकती। इसलिए ऐसा करना पड़ता है। रामरती, आरती, सियादुलारी, माया ने बताया कि बच्चे खेलते-खेलते कहीं भटक न जाएं इसलिए ऐसा करती हैं। बुन्देलखण्ड के तमाम गांवों में ऐसा ही होता है।


http://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/kanpur/story-children-tie-downs-with-rope-1127750.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close