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न्यूज क्लिपिंग्स् | बासमती महंगा होने से निर्यात में कमी आने का अनुमान- आर एस राणा

बासमती महंगा होने से निर्यात में कमी आने का अनुमान- आर एस राणा

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published Published on Dec 27, 2012   modified Modified on Dec 27, 2012

निर्यात योग्य बासमती महंगा होने से विदेश से ऑर्डर में कमी



विदेशी बाजार


अप्रैल-नवंबर के दौरान निर्यात सौदे 16 फीसदी बढ़कर 21.8 लाख टन


पिछले साल की समान अवधि में 18.8 लाख टन निर्यात सौदे हुए


अप्रैल से अगस्त के दौरान 15 लाख टन बासमती का शिपमेंट


पिछले साल की इस अवधि में 12.20 लाख टन की शिपमेंट


वित्त वर्ष 2011-12 में कुल 32.11 लाख टन बासमती का निर्यात



घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों में आई तेजी से चालू वित्त वर्ष २०१२-१३ की अंतिम तिमाही (जनवरी से मार्च) के दौरान निर्यात 15 फीसदी घटने की आशंका है।


अक्टूबर से अभी तक घरेलू बाजार में पूसा-1,121 बासमती चावल सेला की कीमतों में 17.8 फीसदी की तेजी आकर भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि अप्रैल से नवंबर के दौरान 16 फीसदी बढ़ोतरी के साथ कुल 21.8 लाख टन बासमती चावल के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।


केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल मित्तल ने बताया कि चालू खरीफ में बासमती चावल की पैदावार 25 से 30 फीसदी घटने की आशंका है। यही कारण है कि उत्पादक मंडियों में बासमती धान और चावल की कीमतों में तेजी आई है।


इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूसा-1,121 बासमती चावल सेला का भाव बढ़कर 1,200 डॉलर प्रति टन हो गया जबकि सीजन के शुरू में भाव 850-900 डॉलर प्रति टन था। हालांकि इन भावों में निर्यातकों को मार्जिन अच्छा मिल रहा है लेकिन निर्यात सौदों में कमी आई है। ऐसे में अंतिम तिमाही में निर्यात करीब 15 फीसदी घटने की आशंका है।


कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले आठ महीनों (अप्रैल से नवंबर) के दौरान बासमती चावल के निर्यात सौदों के रजिस्ट्रेशन में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।


इस दौरान 21.8 लाख टन बासमती चावल के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 18.8 लाख टन का हुआ था। अप्रैल से अगस्त के दौरान 15 लाख टन की शिपमेंट भी हो चुकी हैं जबकि पिछले साल की समान अवधि में 12.20 लाख टन की शिपमेंट हुई थी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 में 32.11 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था।


खुरानिया एग्रो के प्रबंधक रामविलास खुरानयिा ने बताया कि चालू सीजन में बासमती धान की पैदावार में आई कमी से कीमतों में तेजी आई है।


सीजन के शुरू में पूसा-1,121 बासमती सेला चावल का दाम 4,750-4,800 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि इस समय भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह से पूसा-1,121 बासमती धान का भाव इस दौरान 2,350-2,400 रुपये से बढ़कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। मौजूदा कीमतों में और भी 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है।


http://business.bhaskar.com/article/basmati-export-reduction-costly-than-expected-4126183-NOR.html
 

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