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न्यूज क्लिपिंग्स् | बिल गेट्स, नीतीश से खुश माया से मायूस

बिल गेट्स, नीतीश से खुश माया से मायूस

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published Published on May 16, 2010   modified Modified on May 16, 2010

नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। दुनिया के सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जितने खुश हैं, उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से उतने ही मायूस हैं। दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले एक दशक से सबसे ज्यादा आर्थिक सहयोग करने वाले गेट्स बिहार सरकार के साथ सहयोग के लिए समझौता कर के लौटे हैं। जबकि दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश सरकार ने उनके संपर्क करने के बावजूद उन्हें जवाब देना तक जरूरी नहीं समझा।

गेट्स ने पहली बार किसी सरकार के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता किया है। बिहार ही क्यों, यह पूछने पर वे कहते हैं, 'विकास की जरूरत यहां सबसे ज्यादा है, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन हमारी मजबूरी यह है कि हम सिर्फ वहीं काम कर सकते हैं, जहां खुद लोगों में और उनके प्रशासन में इसके लिए ललक हो।' दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही सहयोग की जरूरत के बारे में उन्होंने कहा कि वहां बिहार की तरह का समझौता भले न हुआ हो, लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके 'बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन' का काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरे का कार्यक्रम बनाते समय उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री मायावती को संपर्क किया था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।

गेट्स बिहार में पिछले कुछ सालों में आए बदलाव से अभिभूत हैं। वे कहते हैं कि बिहार कैसे बदला यह कहानी दुनिया भर के लोगों के लिए एक उदाहरण हो सकती है। बिहार के सबसे पिछड़े इलाकों से लौटने के बाद उन्होंने कहा कि वे यहां 'स्लम-पर्यटन' पर नहीं गए थे, कुछ सीखने गए थे। लौट कर अपनेच्बच्चों के साथ यहां की गरीब बस्तियों पर अपना वीडियो जरूर देखेंगे। उनके हाल पर आंसू बहाने या अचंभित होने के लिए नहीं, बल्कि चुनौतियों के सामने उत्साह और ऊर्जा के साथ खड़ी ऐसी महिलाओं को देखने के लिए, जिनसे हम जैसे तमाम लोग बहुत कुछ सीख सकते हैं.. और इस दौरे से यही मेरी 'बड़ी कमाई' होगी।

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी-माइक्रोसाफ्ट को खड़ा करने वाले गेट्स बताते हैं कि अपने भारत दौरे में उन्होंने कंपनी का काम एक सेकेंड के लिए भी नहीं किया। कारपोरेट दुनिया की व्यवस्तताओं को छोड़ लोगों की सेहत सुधारने में लगे बिल से जब उनकी जिंदगी में आए बदलावों के बारे में पूछा गया तो वे हंसते हुए कहते हैं, 'मैंने यह कंपनी शुरू की थी, तब सोचा नहीं था कि एक दिन बिहार के किसी गांव में किसी मुसहर महिला से उसके साथच्बच्चों के नाम पूछ रहा होऊंगा।'

राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश के गांवों की यात्रा के बारे में वे बताते हैं कि यहां वंचित तबके के बीच काम करने वाली कुछ साधारण महिलाओं से हुई उनकी मुलाकात सबसे ज्यादा यादगार रहेगी। वे कहते हैं कि इनके सामने जैसी चुनौतियां होती हैं, उन्हें देखते हुए इनका उत्साह देखते बनता है। इनको गाते, बजाते और लोगों के बीच अलख जगाते हुए जब हमने देखा तो यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि इनको अपने ही परिवार और रिश्तेदारों के बीच किस तरह के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

गेट्स ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से भी मुलाकात की है। आजाद ने उनके बिहार और यूपी दौरे के बारे में काफी दिलचस्पी दिखाई। प्रधानमंत्री ने पोलियो को ले कर चल रहे प्रयासों और उनमें आ रही कठिनाई पर बातचीत की। बिल कहते हैं कि हिंदुस्तान में डाक्टरों की कमी इसलिए है, क्योंकि उन्हें डाक्टरी के अलावा कई तरह के प्रशासनिक कामों में लगा दिया जाता है। अगर उनका बेहतर इस्तेमाल शुरू हो जाए तो यह कमी अपने आप दूर हो जाएगी।


http://in.jagran.yahoo.com/news/national/politics/5_2_6413207.html


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