Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | भरोसे के बीच ठगा महसूस कर रहा किसान : पंकज कुमार पांडेय

भरोसे के बीच ठगा महसूस कर रहा किसान : पंकज कुमार पांडेय

Share this article Share this article
published Published on May 10, 2011   modified Modified on May 10, 2011
नई दिल्ली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आश्वासन के करीब आठ माह के बाद भी भूमि अधिग्रहण विधेयक को कानून की शक्ल देने की राह में कांग्रेसनीत यूपीए सरकार अपने कदम ज्यादा आगे नहीं बढ़ा पाई है। लिहाजा, यूपी में माया सरकार को कोसने के बावजूद कांग्रेस को भी यह चिंता सता रही है कि वह किस मुंह से किसानों के पास जाए।

राहुल गांधी के किसानों के बीच जाकर सहानुभूति जताने के कयासों के बीच कांग्रेस खेमा मान रहा है कि उनके पास कुछ ठोस होना चाहिए जिससे किसान उनपर भरोसा करें। राहुल के अलीगढ़ में टप्पल गांव के दौरे के कुछ दिन बाद 25 अगस्त 2010 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की गई मुलाकात में पीएम ने स्पष्ट आश्वासन दिया था कि संसद के शीतकालीन सत्र में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा।

इसके लिए हरियाणा के भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास नीति को बतौर मॉडल पेश कर किसानों को कुछ इस तरह भरोसा दिया गया मानो पूरे देश में जल्द ही उनकी किस्मत का पिटारा खुलने वाला है। प्रधानमंत्री से मिलकर लौटे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ आए किसानों ने भी खुश होकर राहुल की प्रशंसा के पुल बांधे। कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि भरोसे और आश्वासन के पिटारे को आठ माह बीतने को हैं पर सरकार भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर अभी तक आम राय कायम नहीं कर पाई है।

राहुल की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री के निर्देश पर उनके प्रमुख सचिव टीकेए नायर ने प्रधानमंत्री की ओर से राजनीतिक नेतृत्व से कई मेल मुलाकातों में इस मुद्दे पर कुछ ठोस पहल करने की प्रधानमंत्री की मंशा जताई। उनकी तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री सीपी जोशी से इस मसले पर गहन मंत्रणा के बाद सरकार की ओर से संकेत दिए गए थे कि जल्द ही सरकार इस मसले पर कुछ ठोस करने वाली है। लेकिन बार-बार की कवायद के बाद भी इस मसले पर सरकार रेल मंत्री ममता बनर्जी का विरोध खत्म नहीं करा पाई।

सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के कोटे से ग्रामीण विकास मंत्रालय में मंत्री रहे सीपी जोशी को यूपीए का खास एजेंडा बताकर भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक का काम आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उनका विभाग भी बदल गया और नए मंत्री विलास राव देशमुख के कार्यभार संभालने के बाद भी यह मसला रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। एक बार फिर किसानों के आंदोलन की आग भड़की है तो कांग्रेस कह रही है कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर जल्द से जल्द व्यापक सहमति बनाकर इसे संसद में लाने की जरूरत है।
सूत्रों का कहना है कि ममता अभी भी चाहती हैं कि किसानों की जमीन अधिग्रहीत न की जाए।

अगर बहुत जरूरी हो तो किसान की सहमति के साथ उन्हें जमीन का मुआवजा सीधे व्यावसायिक दर पर मिले। पश्चिम बंगाल की सियासत में इसी मसले को सिंगूर, नंदीग्राम से लेकर पूरे प्रदेश मंे ममता ने वामदलों के खिलाफ भुनाया भी है। उधर, योजना आयोग देश के अलग-अलग मॉडलों के साथ केंद्र के लिए व्यावहारिक मॉडल पर सहमति नहीं दे रहा है। सरकार ने हरियाणा के अलावा गुजरात सहित अन्य राज्यों के मॉडलों की भी तहकीकात की है लेकिन कोई फामरूला सिरे नहीं चढ़ा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल मंे ममता की जीत की आस के बाद केंद्र में इस मसले पर कवायद तेज हो सकती है।

http://www.bhaskar.com/article/UP-OTH-trust-between-farmers-feeling-duped-2092310.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close