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न्यूज क्लिपिंग्स् | भूमंडलीकरण और भ्रष्टाचार विरोधी स्वर- नयन चंदा

भूमंडलीकरण और भ्रष्टाचार विरोधी स्वर- नयन चंदा

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published Published on May 10, 2015   modified Modified on May 10, 2015

खुला आसमान - वैश्वीकरण के कारण भारत, चीन, ब्राजील, तुर्की और थाइलैंड सहित कई देशों में जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर हो गई है। भूमंडलीकरण के कारण से दुनियाभर में कई तरह की हवाएं चल रही हैं। इसमें भ्रष्टाचार भी है। कई देशों में इसके खिलाफ स्वर उठने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि भ्रष्टाचार का सीधा संबंध भूमंडलीकरण से है लेकिन व्यापार और निवेश के लिए दूसरे देशों में पहले की तुलना में ज्यादा अवसर हो गए हैं।


इतना पहले कभी भी नहीं था। इंटरनेट और ग्लोबल मीडिया ने दुनियाभर के नागरिकों और संस्थाओं के बीच राजनीति और कारोबार की काली धुरियों को उजागर करना शुरू कर दिया है। इससे भ्रष्टाचार पर प्रकाश बढऩे लगा है। ब्राजील, भारत, चीन, थाईलैंड और तुर्की के आम लोगों के मन में भ्रष्टाचार विरोधी बातें घर कर चुकी हैं। राजनीतिज्ञ दबाव में हैं जबकि आम जन भ्रष्टाचार खत्म करना चाहता है। इससे विकास दर को चोट पहुंची है और लोगों की आमदनी के बीच की खाई और भी चौड़ी होती जा रही है। भ्रष्टाचार विरोधी भावनाओं की सफलता का सबसे बड़ा उदाहरण आम आदमी पार्टी (आप) है। भारतीय संसद ने हाल ही में लोकपाल का गठन किया है जो कि उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी है।


एंटी करप्शन वाच डॉग ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने हाल ही करवाए एक सर्वे में दुनियाभर के 177 देशों के बीच भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 94वां स्थान दिया है। सर्वे में 54 फीसदी लोगों ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने अधिकारियों को रिश्वत दी है। जब आप सरकार ने भ्रष्टाचार को दर्ज करने के लिए हॉट लाइन बनाई तो इसमें इतने मामले दर्ज होने लगे कि नेटवक्र्स ही जाम हो गए।


चीन में भी भ्रष्टाचार विरोधी माहौल है। वहां के नए राष्ट्रपति जी जिनपिंग ने देश में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान शुरू किया हुआ है। मध्य स्तर के कई अधिकारियों को दंडित किया गया है। दूसरी ओर सच्चाई का एक पहलू यह भी है कि पार्टी नागरिकों की गतिविधियों को सहन नहीं कर पा रही है। वहां के नागरिकों ने भ्रष्टाचार विरोधी ग्रुप बना रखा है।


इनके बैनरों पर पूरी स्पष्टता के साथ लिखा हुआ है कि अधिकारी अपनी संपत्तियों को उजागर करें। थाईलैंड में तो उस समय आपातकाल लागू कर दिया जब बैंकाक में सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहा था। भ्रष्टाचार विरोधी थाई अधिकारियों ने हाल ही में घोषणा की थी कि 308 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जांच की फाइल खुल गई है। इसमें से अधिकांश सत्ताधारी दल से हैं। इसी तरह ब्राजील सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध में गलियों में प्रदर्शन शुरू हो गया है।


सत्ताधारी दल के राजनीतिज्ञों और कारोबारियों का वोट खरीदने की योजना में शामिल रहने के कारण से 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तुर्की में सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहा है। कई मंत्रियों को कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट से संबंधित आरोप में इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रधानमंत्री रीसेप तायीप इर्डोगन ने घोषणा की थी कि वे अपने बच्चों को उस हालात में स्वीकार नहीं करेंगे, अगर वे भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाते हैं।


भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के तुर्की ब्रांच ने किया था। अपने तमाम बुरे प्रभावों के बावजूद भूमंडलीकरण ने दुनिया भर में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों को उभारने में मदद की है। इंटरनेट और सोशल मीडिया तो तो शासकों के बीच चिंता का सबब बन गया है।

लेखक येल सेंटर फार द स्‍टडी ऑफ ग्‍लोबलाइजेशन एंड एडिटर ऑफ येलग्‍लोबल ऑनलाइन में डायरेक्‍टर ऑफ पब्लिकेशन हैं।


http://money.bhaskar.com/news/globalization-and-anti-corruption-tone-4520086-NOR.html


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