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न्यूज क्लिपिंग्स् | मोदी सरकार की 'ओवरसाइट' थी पीपीएफ़ समेत बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कटौती या 'इनसाइट'

मोदी सरकार की 'ओवरसाइट' थी पीपीएफ़ समेत बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कटौती या 'इनसाइट'

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published Published on Apr 2, 2021   modified Modified on Apr 2, 2021

-बीबीसी,

केंद्र सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन छोटी बचत पर मिल रहे ब्याज दरों को कम करने का फ़ैसला किया, लेकिन इसके अगले दिन गुरुवार को ही यानी नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन इस फ़ैसले को वापस ले लिया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट के ज़रिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें 2020-21 की अंतिम तिमाही की दरें जितनी बनी रहेंगी." उन्होंने यह भी लिखा कि भूलवश ब्याज दरों में कमी का आदेश जारी हो गया था. इसे वापस लिया जा रहा है.

यानी अब डाकघर की स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स समेत पीपीएफ़, सुकन्या समृद्धि, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम्स जैसी योजनाओं में जमा धन पर अप्रैल-जून 2021 के दौरान भी उसी दर से ब्याज मिलेगा, जो जनवरी-मार्च 2021 तिमाही के लिए थी.

क्या बोला विपक्ष?
महज 24 घंटे के भीतर इन कटौतियों को वापस लेने के सरकार के फ़ैसले पर विपक्षी दलों के नेताओं ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सरकार की जमकर खिंचाई की.

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ''एक बार फिर शर्मिंदगी. क्योंकि मो-शा (मोदी शाह) चुनावी रैलियों में ट्रकों से पंखुड़ियां फेंकने, अप्रैल फूल के चुटकुलों वाले झूठे वादे करने में व्यस्त हैं.''

तो काँग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ''क्या वाक़ई सरकार की स्कीम पर ब्याज दरें घटाने का फैसला भूल से हुआ? या फ़ैसला वापस लेने की बुद्धि क्या चुनाव के कारण आई है?''

तृणमूल काँग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, "यहाँ सबसे बड़ा अप्रैल फूल जोक क्या है? यह कि अब छोटी बचत दर में कटौती भूलवश जारी की गई थी? या कि निर्मला सीतारमण इस देश की वित्त मंत्री हैं?"

राहुल गांधी ने लिखा, "मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी."

काँग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया, ''माननीय वित्त मंत्री जी, आप सर्कस चला रही हैं या सरकार? लोग अर्थव्यवस्था का हाल समझ सकते हैं, जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाला फ़ैसला भूल से लिया जाता है. बतौर वित्त मंत्री आप पद पर बने रहने का अधिकार खो चुकी हैं.''

वहीं आईएएस अधिकारी अशोक खेमका लिखते हैं, "निजी क्षेत्र में बचत सुरक्षित नहीं. अल्प बचत वाले जाएँ तो जाएँ कहाँ?"


अभिजीत श्रीवास्तव, https://www.bbc.com/hindi/india-56603495


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