Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | मंडी में नहीं बिक रहा धान

मंडी में नहीं बिक रहा धान

Share this article Share this article
published Published on Dec 8, 2014   modified Modified on Dec 8, 2014
नई दुनिया,बिलासपुर (निप्र)। सरकार ने धान खरीदी में कटौती के निर्णय का बचाव मंडियों का विकल्प देकर किया है। वहीं, दिसंबर के पहले सप्ताह में जिले की 5 मंडियों में मात्र 6026.4 क्विंटल धान की खरीदी-बिक्री हुई है। इसमें से पेंड्रारोड मंडी में मात्र 185 क्विंटल धान ही आया है, तो जयरामनगर में खाता ही नहीं खुला।

राज्य सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान ही समर्थन मूल्य पर खरीदने का फरमान जारी किया था। बाद में उसे 15 क्विंटल कर दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शेष धान को पहले की तरह मंडियों में धान बेचने की सलाह दी थी। इसके साथ ही फरमान जारी किया गया कि मंडियों में भी व्यापारी समर्थन मूल्य (सामान्य 1360 रुपए और पतला 1400 रुपए प्रति क्विंटल) से ही बोली लगा सकेंगे। इसके बाद भी अधिकांश किसानों को इसकी जानकारी ही नहीं है। ऐसे में व्यापारी किसानों से मंडी के बाहर औने-पौने दाम पर धान खरीद रहे हैं। इसलिए व्यापारियों की मंडी में कोई रुचि नहीं है। इसका असर यह हुआ कि मंडियों में विरानी छा गई है। किसानों को भी इसकी जानकारी नहीं है। इससे मंडियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका असर दिसंबर के पहले सप्ताह के आंकड़ों पर देखा जा सकता है। इन 7 दिनों में जिले की पांच मंडियों में आवक को मिलाकर मात्र 6026.4 क्विंटल धान की ही खरीदी-बिक्री हुई है। इन मंडियों में से पेंड्रारोड में 185 क्विंटल धान का ही सौदा हुआ है, जबकि जयरामनगर में खाता नहीं खुला।

यह हैं आंकड़े

तखतपुर- 1309 क्विंटल

पेंड्रारोड- 185 क्विंटल (गौरेला उपमंडी को मिलाकर)

कोटा- 3493.4 क्विंटल (रतनपुर उपमंडी को मिलाकर)

जयरामनगर- 0

बिलासपुर- 1039 क्विंटल (बरतोरी, बिल्हा, बेलतरा और केसला को मिलाकर)

दो दिन से पूरी विरानी

सप्ताह भर में कम आवक तो है ही। वहीं बीते दो दिनों में तो किसी भी मंडी में एक बीज धान का भी सौदा नहीं हुआ है।

सकरी में किसानों को लौटाया

सकरी में तखतपुर की उपमंडी है। यहां पिछले साल के धान ही बड़ी मात्रा में रखा गया है। दो दिन पहले कुछ किसान यहां धान बेचने के लिए जानकारी लेने पहुंचे थे। इस दौरान मंडी के कर्मचारियों ने उन्हें जगह नहीं होने का हवाला देकर वापस भेज दिया था।

व्यापारी गांव-गांव से खरीद रहे धान

किसानों को जानकारी नहीं होने का फायदा छोटे व बड़े व्यापारी उठा रहे हैं। छोटे व्यापारी किसानों से औने-पौने दाम पर धान खरीदकर बड़े व्यापारियों को बेच रहे हैं। इसी तरह कई किसान राइस मिलर्स से भी हजार से लेकर 1100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बेच रहे हैं।

क्या कहते हैं किसान

1100 में व्यापारी से किया सौदा

तखतपुर के ग्राम हांफा का रहने वाला किसान ओमप्रकाश माथुर ने बताया कि उसने 3 एकड़ में खेती की थी। इससे करीब 66 क्विंटल धान हुआ है। उसने बताया कि उसका पंजीयन ही नहीं हो पाया है। ऐसे में उसने तखतपुर के एक व्यापारी से 1100 रुपए में धान का सौदा किया है। उसने बताया कि उसे मालूम नहीं है कि वह मंडी में समर्थन मूल्य पर धान बेच सकता है।

गांव के व्यापारी को बेचने की तैयारी

हांफा के ही शशिकांत खरे ने बताया कि उसने 6 एकड़ में खेती की थी। इससे करीब 130 क्विंटल धान हुआ है। अब वह 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से 90 क्विंटल तो सहकारी समिति में बेचेगा। वहीं शेष 40 क्विंटल को गांव के ही व्यापारी को बेच देगा। उसे यह भी मालूम नहीं है कि वह धान किस कीमत पर बेच पाएगा। उसका कहना है कि घर में तो धान रखने की जगह ही नहीं है। ऐसे में धान को बेचना ही पड़ेगा।

नहीं हो पाया पंजीयन

ग्राम जोंकी के किसान साधराम साहू ने बताया कि इस साल उसका पंजीयन समिति में नहीं हो पाया है। ऐसे में 3 एकड़ से मिले 66 क्विंटल धान को उसे व्यापारी से ही सौदा करना पड़ेगा। उसे भी मंडी में समर्थन मूल्य पर धान बिकने की कोई जानकारी नहीं थी।

राइस मिल में घटा दिया दाम

जोंकी के किसान कुंभकरण साहू ने बताया कि उसने 80 क्विंटल धान का सौदा तखतपुर के राइस मिल में किया था। उसे पहले 1170 रुपए प्रति क्विंटल की बात कही गई थी। बाद में 1100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से रकम थमा दिया गया।

किसान धान लेकर आएंगे तो उन्हें जगह दी जाएगी। शासन से मिले आदेश के अनुसार ही व्यापारियों को समर्थन मूल्य से ही बोली लगाने के लिए कहा जाएगा।

अशोक दुबे, सचिव मंडी बिलासपुर


http://naidunia.jagran.com/chhattisgarh/bilaspur-not-selling-the-rice-market-250977


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close