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न्यूज क्लिपिंग्स् | महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

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published Published on Aug 21, 2023   modified Modified on Aug 21, 2023

मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त 

बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग ने कलमा बैराज के अपने सारे गेट बंद कर रखे थे, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के हिस्से वाली नदी में तो दूर-दूर तक अथाह पानी नज़र आ रहा था लेकिन ओडिशा की तरफ़ नदी, किसी रेगिस्तान की तरह सूखी हुई थी।

राजस्थान में जल संरक्षण पर काम करके दुनिया भर में चर्चा में आए राजेंद्र सिंह ने कलमा बैराज की हालत देखकर टिप्पणी की थी, “कलमा बैराज के ओडिशा की तरफ़ रेगिस्तान और छत्तीसगढ़ की तरफ़ समुद्र। समुद्र को देख कर अच्छा लगता है, लेकिन रेगिस्तान को दख कर रोना आता है क्योंकि मैं रेगिस्तान से आया हूं। जहां रेगिस्तान होता है, वहां लोग उजड़ जाते हैं। पर ये तो नदी का रेगिस्तान है। इस नदी को अपने जीवन का अधिकार है।”

कलमा बैराज असल में महानदी की असली कहानी बताता है, जिसके पानी पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच बरसों से जारी विवाद कम होता नज़र नहीं आ रहा। इस विवाद को सुलझाने के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाले महानदी जल विवाद अभिकरण की टीम ने हाल ही में दोनों राज्यों में महानदी की ज़मीनी हक़ीकत को समझने के लिए अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया। यह टीम छत्तीसगढ़ और ओडिशा का दौरा कर के लौट चुकी है। लेकिन पानी पर तकरार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 
पूरी रपट- मोंगाबे हिंदी


मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त https://hindi.mongabay.com/2023/08/18/mahanadi-chhattisgarh-odisha-water-dispute/
 

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