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न्यूज क्लिपिंग्स् | मुश्किल में किसान: पहले सूखे ने अब बाढ़ ने मारा

मुश्किल में किसान: पहले सूखे ने अब बाढ़ ने मारा

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published Published on Sep 24, 2010   modified Modified on Sep 24, 2010

प्रेम सिंह, लखनऊ। बाढ़ से प्रभावित प्रदेश के 32 जिलों के लाखों किसान मुश्किल में आ गये हैं। इन जिलों में 67 लाख हेक्टेयर कुल क्षेत्रफल में से करीब साढ़े पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर उगी फसलें कई दिनों से पानी में डूबी हुई हैं। पिछली बार सूखे ने प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में लाखों हेक्टेयर में बोयी गयी फसल सुखाकर किसानों को बेहाल किया था और इस बार बाढ़ लाखों किसानों के पेट का निवाला छीन लेगी। कृषि विभाग ने फिलहाल औसतन एक हजार रुपये प्रति कुंटल के हिसाब से फसल की उत्पादन लागत के नुकसान का आंकलन किया है। इस प्रकार वर्षा और बाढ़ का पानी भरने से फसलों में करीब छह अरब के नुकसान के आंकलन की रिपोर्ट से सरकार को अवगत कराया गया है।

मुख्य तौर पर बाराबंकी, बहराइच, गोण्डा, बस्ती, बलरामपुर, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखीमपुर, मथुरा, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, फैजाबाद, गोरखपुर, महाराजगंज, आजमगढ़, देवरिया, गाजियाबाद, बिजनौर, अलीगढ़, ज्योतिबा फुले नगर, मुरादाबाद, रामपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, मुजफ्फर नगर व श्रावस्ती के किसान बाढ़ व जलभराव से प्रभावित हैं। बीते वर्ष खरीफ की मुख्य फसल धान का क्षेत्रफल 51.5 लाख हेक्टेयर था और 130 लाख मीट्रिक टन चावल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन जुलाई में ही प्रदेश के अधिकतर जिलों में सूखे की स्थिति उत्पन्न होने के कारण चावल उत्पादन में 23 लाख मीट्रिक टन की कमी हो गयी थी। इस बार 56.15 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की बोआई हो जाने के कारण 146.96 लाख मीट्रिक टन चावल उत्पादन का आंकलन किया गया था लेकिन अब इसमें करीब 20 फीसदी के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धान बोये जिन खेतों में एक सप्ताह से अधिक दिनों तक पानी भरा रहेगा, उनमें तो फसल पूरी तरह चौपट जायेगी। जहां एक सप्ताह में ही जमीन पानी सोख लेगी और वहां आगे बारिश का पानी भरने की गुंजाइश नहीं रहेगी वहां कुछ हद तक फसल बच जायेगी। इसी प्रकार गन्ने के जिन खेतों में कम पानी भरा है वहां फसल के आंशिक नुकसान का ही आंकलन है लेकिन जहां पूरी की पूरी फसल पिछले कई दिनों से डूबी हुई है वहां सर्वाधिक नुकसान की आशंका है।

प्रदेश में सामान्य वर्षा के मुकाबले 22 सितम्बर तक 93.3 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है। केवल कौशाम्बी, चित्रकूट व रायबरेली में ही समान्य की आधी वर्षा भी नहीं हुई है। मुरादाबाद में तो सामान्य के मुकाबले दो गुनी वर्षा हो चुकी है जबकि बरेली, फरुर्खाबाद, सहारनुपर व जेपी नगर में सामान्य के मुकाबले लगभग डेढ़ गनी वर्षा हुई।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6750674.html


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