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न्यूज क्लिपिंग्स् | मुस्लिम औरतों को धर्म के पिंजरे में सुरक्षित रहने की गारंटी कौन दे रहा है?-- फैयाज अहमद वजीह

मुस्लिम औरतों को धर्म के पिंजरे में सुरक्षित रहने की गारंटी कौन दे रहा है?-- फैयाज अहमद वजीह

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published Published on May 13, 2019   modified Modified on May 13, 2019
औरत और आज़ादी, हमारे समाज में इन दो शब्दों का एक साथ उच्चारण गंदी, बेहूदा और बे-लगाम औरतों की कल्पना करने जैसा है. औरत का पढ़ा-लिखा, समझदार होना या विवेक-बुद्धि से काम लेने की उनकी योग्यता को मानना-पसंद करना तो अलग, उसे अक्सर गवारा करना भी गले में अटकी हुई हड्डी को निगलना है.

बात वही सदियों पुरानी है कि बिस्तर की ज़ीनत हुक्म की बांदी ही भली... बराबरी और अधिकारों की बात करती हुई औरत तो बदचलन होती है.

आप कहेंगे मैं किस ज़माने की और कैसी दकियानूसी बातें कर रहा हूं, तो यक़ीन कीजिए मैं आज और अभी की बात कर रहा हूं. और हम किसी तालिबानी समाज की नहीं बल्कि अपने ही घर की उस तस्वीर का नज़ारा करने को मजबूर हैं जो आंखों में कहीं अंदर तक चुभ रही हैं.

जी, अपने ही मुल्क की एक बड़ी यूनिवर्सिटी में लड़कियों की मर्ज़ी का सम्मान किए बग़ैर उनको सिर्फ़ पर्दे में रखने की बात नहीं हो रही, सीधे-सीधे सलाख़ों के पीछे भेजकर उनको शुद्ध करने की मुहिम चलाई जा रही है.

मैं बात कर रहा हूं उस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की जिसमें पिछले दिनों एक बार फिर से लड़कियों को पिंजरे में क़ैद करने की कोशिश की गई. पिंजरे का नाम है इस्लाम. जी, सही सुना आपने वही इस्लाम जिसके बारे में कहते हैं कि दुनिया भर के धर्मों में औरतों के साथ उतना न्याय नहीं किया गया जितना अकेले इस धर्म ने औरतों के अधिकारों की बात की.

क़िस्सा मुख़्तसर ये कि एएमयू की ‘इस्लामिक यूथ फेडरेशन' ने लड़कियों की बदचलनी के ख़ौफ़ में एक ऐसी तस्वीर जारी की जिसमें औरत को पिंजरे में क़ैद है और ‘पिंजरे' की ख़ूबियां यूं शुमार की गईं कि यही वो महफ़ूज़ जगह है जहां औरतें न सिर्फ़ नेकियां कमा सकती हैं बल्कि दुनिया भर की ज़हरीली विचारधाराओं से इस तरह बची रह सकती हैं कि ‘इज्ज़त' की सलामती की मुकम्मल गारंटी है.

सवाल है कि आख़िर तस्वीर में है क्या तो आप ख़ुद ही देख लीजिए.

द वायर हिन्दी पर प्रकाशित इस आलेख को विस्तार से पढ़ने के लिएयहां क्लिक करें


http://thewirehindi.com/80665/amu-islamic-youth-federation-poster-muslim-women/


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