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न्यूज क्लिपिंग्स् | मॉडल जितना सरल, उतना ही कठिन खरीदी !

मॉडल जितना सरल, उतना ही कठिन खरीदी !

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published Published on Nov 5, 2014   modified Modified on Nov 5, 2014
बिलासपुर (निप्र)। जिला सहकारी बैंक की ओर से राज्योत्सव में धान खरीदी की प्रक्रिया को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया था। इसमें मॉडल से धान खरीदी को जितना सरल बताया गया, वास्तविक में खरीदी की प्रक्रिया इससे कहीं ज्यादा कठिन है। प्रशासन 12 साल में भी समितियों की दशा सुधारने में नाकाम रही है। इसके चलते किसानों को इन समितियों में धान बेचने के लिए हर साल जूझना पड़ता है। महीने भर बाद फिर इसी अव्यवस्था के बीच खरीदी शुरू हो जाएगी।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने धान खरीदी को मॉडल में सरल बताकर किसानों को गुमराह किया है। मॉडल देखकर सभी किसान यही सोचे कि वास्वतव में धान खरीदी की प्रक्रिया इतनी सरल होती।अव्यवस्था के कारण किसानों को धान खरीदी में भारी मशक्कत करना पड़ता है। जिला सहकारी बैंक ने अंक बटोरने के लिए ही मॉडल में प्रक्रिया को सरल बता दिया। पिछले सालों की बात करें तो धान खरीदी में अनियमितता आम बात हो गई है। सहकारी बैंक से संबंधित 298 खरीदी केंद्रों में यह स्थिति देखने को मिलती है। सतत निगरानी नहीं होने से तौलाई करने वाले कर्मचारी किसानों से जबरन वसूली करते हैं। मानदेय मिलने के बाद भी वे हर बोरे या क्विंटल के पीछे रकम वसूलते हैं। मना करने वाले किसानों को उनका धान नहीं तौलने की धमकी भी देते हैं। किसानों को रात-रात रुककर अपने धान की रखवाली करनी पड़ती है और बारी का इंतजार करना पड़ता है। यही धान खरीदी का सच है।

12 साल में न चबूतरे बने न शेड

सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदने का सिलसिला पिछले 12 साल से चल रही है। इसके बाद भी अधिकांश खरीदी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वहां बारिश व पानी से बचाने के लिए न तो शेड बनाए गए हैं और न चबूतरे ही बने हैं। ऐसे में तौल नहीं हुए धान को भीगने से बचाने के लिए किसानों को ही व्यवस्था कर बचाना पड़ता है।

ढंकने की व्यवस्था भी अपर्याप्त

दूसरी ओर तौल हो चुके धान को भीगने से बचाने के लिए कैप कवर भी भेजे जाते हैं, लेकिन समय पर व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने से धान भीग जाते हैं और हर साल करोड़ों का नुकसान होता है। अधिकांश खरीदी केंद्रों में धान को खुले में ही रखा जाता है।

वर्जन-

राज्योत्सव में जिला सहकारी बैंक ने धान खरीदी का मॉडल प्रस्तुत किया था। इसमें धान खरीदी की प्रक्रिया को बताया गया।

शशांक शेखर दुबे, शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित


http://naidunia.jagran.com/chhattisgarh/bilaspur-model-as-simple-as-just-purchased-a-tin-216914


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