Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | रामसर साईट की दौड़ में पीछे छूटते बिहार के बड़े वेटलैंड्स, मानव निर्मित नागी-नकटी झील दावेदारी में आगे

रामसर साईट की दौड़ में पीछे छूटते बिहार के बड़े वेटलैंड्स, मानव निर्मित नागी-नकटी झील दावेदारी में आगे

Share this article Share this article
published Published on Aug 17, 2023   modified Modified on Aug 17, 2023

मोंगाबे हिंदी, 17 अगस्त

मई के आखिरी दिनों में बिहार की सबसे बड़ी झीलों या वेटलैंड (आर्द्र भूमि) में से एक बरैला ताल में जलस्रोत की तलाश करना काफी मशक्कत भरा काम था। बिहार के वैशाली जिले में स्थित बरैला ताल को उसके नाम के अनुरूप ताल के स्वरूप में तलाशने के लिए यह संवाददाता घंटों इस गांव से उस गांव भटकता रहा और लोगों से सवाल करता रहा कि यह झील कहां दिखेगी, पानी कहां से नजर आएगा और नाव खेते या मछली पकड़ते मल्लाह कहां दिखेंगे। इन सवालों के जवाब में लोग यह कहते – थोड़ा और आगे जाइए, अगले गांव से दिखेगा, तीन किमी और दूर जाना होगा! हालाँकि, घंटों भटकने और बरैला ताल के केंद्र में पहुंच जाने के बाद भी कहीं पानी नजर नहीं आया। पास स्थित धार्मिक स्थल जिमचधाम के पास एक दुकानदार ने बताया कि पानी थोड़ा आगे से दिखता है, लेकिन नरकट (खर-पतवार) बहुत है और अभी गर्मी भी बहुत है, इसलिए आपको नहीं दिखेगा।

बरैला में फैली यह खर-पतवार ही वो सबसे बड़ी वजह है जिसके कारण बिहार सरकार ने प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी झील होने के बावजूद भी इस झील का नाम रामसर साइट के प्रस्ताव  में शामिल नहीं किया। 

भारत में वर्तमान में 75 रामसर साइट हैं, लेकिन बेगूसराय जिले में स्थित कांवर झील बिहार की एकमात्र रामसर साइट है। क्षेत्रफल की दृष्टि से दरभंगा के कुशेश्वरस्थान (2921.43 हेक्टेयर) के बाद कांवर झील (2677 हेक्टेयर) और बरैला ताल (1625.34 हेक्टेयर) प्रदेश के दो सबसे बड़े और महत्त्वपूर्ण वेटलैंड हैं। 

हालांकि, बिहार सरकार द्वारा रामसर साइट के लिए “दावेदारी पेश करने के संकल्प” के लिहाज से कुशेश्वरस्थान कांवर व बरैला के बाद तीसरे नंबर पर आता है।
पूरी खबर- मोंगाबे हिंदी


मोंगाबे हिंदी, 17 अगस्त https://hindi.mongabay.com/2023/08/14/ramsar-sites-bihar-wetland/
 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close