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न्यूज क्लिपिंग्स् | रोजगार-सुरक्षा से आएंगे महिलाओं के अच्छे दिन

रोजगार-सुरक्षा से आएंगे महिलाओं के अच्छे दिन

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published Published on Feb 24, 2015   modified Modified on Feb 24, 2015
अपने चुनावी अभियान में मोदी सरकार ने महिलाओं में ‘सुरक्षित दिनों' की खूब उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन पिछले बजट में इसे लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार में नए अवसर पैदा करने वाली योजनाएं भी लाई जा सकती हैं।

पांच बड़े वादे
संविधान संशोधन के जरिए संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देना।

पहले से चल रही बालिका समृद्धि, लाडली लक्ष्मी और चिरंजीवी योजना जैसी योजनाओं की सर्वश्रेष्ठ बातों को मिलाकर एक व्यापक योजना बनाना।

महिलाओं संबंधित कानूनों का कड़ाई से कार्यन्वयन और बलात्कार पीडितों का पुर्नवास। बलात्कार पीडितों और एसिड हमले की शिकार महिलाओं का मुफ्त इलाज।

महिलाओं के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसमें ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछले वर्ग की महिलाओं के पोषण और गर्भावस्था में उनकी देखभाल पर जोर रहेगा।

संपत्ति के अधिकारों, वैवाहिक अधिकारों और सहजीवन अधिकारों में से हर तरह की असमानता को दूर किया जाएगा।

बजट 2014-15 में महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं
1. सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 50 करोड़ और बड़े शहरों में इसके लिए डेढ़ सौ करोड़ के फंड की घोषणा।
2. 100 करोड़ की बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की गई।
3. आजीविका योजना के तहत कुछ जिलों के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को चार प्रतिशत और बाकी में सात प्रतिशत की दर से दिया जाएगा कर्ज।
4. लड़कियों के सभी स्कूलों में जल्द से जल्द पानी और शौचालय उपलब्ध कराना।
5. लड़कियों की पढ़ाई और विवाह के लिए किसान विकास पत्र की तर्ज पर नई बचत योजना की घोषणा।

पांच बड़ी उम्मीदें

सुरक्षित यातायात
ट्रेन, कैब और बस से लेकर सभी सार्वजनिक यातयात में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाएं जाएं। इनमें सुरक्षाकर्मियों की तैनाती हो और सीसीटीवी भी लगें। पुलिस स्टेशनों को ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के अनुकूल बनाया जाए। पुलिस और अर्धसैनिक बलों में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी।

उच्च और तकनीक शिक्षा में सहूलियतें
उच्च और तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में काफी कम है। बजट में लड़कियों की फीस कम करने और उन्हें ज्यादा छात्रवृत्ति देने की घोषणा कर सकती है।

रोजगार के अवसर बढ़ें
पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के वादे पर काम हुआ तो महिलाओं की इस क्षेत्र में काफी नौकरियां मिल सकती हैं। वहीं महिलाओं के लिए अलग आईटीआई खोलने और हर आईटीआई में अलग महिला शाखा खालने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं। हर जिले में महिलाओं के लिए समर्पित लघु एवं मध्यम स्तरीय उपक्रम स्थापित किए जाएं।

टैक्स में मिले छूट और कर्ज मिले सस्ता
महिला आयकर सीमा तीन लाख से पांच लाख के बीच होने की उम्मीदें लगाकर बैठी हैं। वहीं महिलाएं कम ब्याज दर पर लोन चाहती हैं, ताकि वे घर से ही छोटे-मोटे बिजनेस शुरू कर सकें। घर से होने वाले व्यवसाय पर वे तीन साल तक टैक्स छूट भी चाहती हैं।

स्वउद्यमशीलता को बढ़ावा मिले
ग्रामीण महिलाओं की उन्नति के बिना महिला शक्तिकरण संभव नहीं है। इसके लिए बजट में महिला स्व-सहायता समूहों को निम्न ब्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने का प्रयास कर सकती है। महिलाओं के विशेष हुनर को बढ़ावा देने के लिए कारोबारी पार्क बनाए जा सकते हैं।

नौ महीने में चार वादों पर काम शुरू

1. बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान
केंद्र सरकार ने बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ अभियान लांच किया है। इसके जरिए भ्रूण हत्या रोकने और ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को स्कूल भेजने का राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।

2. शौचालय निर्माण योजना
केंद्र सरकार ने निर्मल भारत अभियान और मनरेगा को जोड़कर पांच साल में देश भर में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है। गांवों के हर घर में शौचालय निर्माण की इस कोशिश को महिलाओं के स्वाभिमान से जोड़कर शुरू किया गया है।

3. महिला सुरक्षा के लिए हिम्मत एप
केंद्र सरकार ने हिम्मत मोबाइल एप से पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा को पुख्ता बनाने का प्रयास किया है। दिल्ली में जनवरी में लांच हुए इस एप को एक महीने बाद ही पूरे देश में प्रसारित करने की कोशिश शुरू हो गई। यह एप डाउनलोड होने पर मुसीबत में फंसी कोई महिला जैसे ही मोबाइल जोर से हिलाती है या एसओएस बटन दबाती है, इसकी सूचना सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को पहुंच जाती है। महिला की लोकेशन पता लगते ही पुलिस तुरंत मदद के लिए पहुंच जाती है।

4. तकनीकी शिक्षा के लिए ‘प्रगति' छात्रवृत्ति'
तकनीकी शिक्षा में लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने ‘प्रगति' छात्रवृत्ति' की शुरुआत की है। इसके तहत एआईसी से मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान की प्रथम वर्ष की छात्रा को हर साल 30 हजार की ट्यूशन फीस और 10 महीने तक दो हजार रुपये की राशि मिलेगी। इस योजना के लिए परीक्षा के जरिए चार हजार छात्राओं का चयन किया जाएगा।


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