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न्यूज क्लिपिंग्स् | लीची शहद के लिए मशहूर बिहार उत्पादन में आगे, पर दूसरे राज्यों पर निर्भर किसान

लीची शहद के लिए मशहूर बिहार उत्पादन में आगे, पर दूसरे राज्यों पर निर्भर किसान

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published Published on Apr 19, 2024   modified Modified on Apr 19, 2024

मोंगाबे हिंदी, 19 अप्रैल, 

बिहार के गया जिले में परैया मरांची गांव के चितरंजन कुमार 18-20 टन शहद का उत्पादन करते हैं। ठीक ऐसे ही, इस ही गाँव के निरंजन प्रसाद भी साल में करीब 20 क्विंटल शहद का उत्पादन करते हैं। लेकिन, इतने उत्पादन के बावजूद भी उन्हें शहद उत्पादन में बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता है। चितरंजन और निरंजन दोनों ही इसके लिए प्रदेश में शहद के प्रोसेसिंग प्लांट की कमी और शहद उत्पादकों को पैकेजिंग और मार्केटिंग के प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार मानते हैं। 

चितरंजन बताते हैं कि बड़े-बड़े ब्रांड की कंपनियां उनसे कच्चा शहद खरीदती हैं। लेकिन प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने के कारण उन्हें कंपनियों को कच्चा शहद ही देना पड़ता है। वह बताते हैं कि अगर वह कंपनियों को प्रोसेसिंग के बाद शहद बेचें तो उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी। 

बिहार राज्य बागवानी मिशन की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में सालाना करीब 20620.5 मिट्रीक टन शहद का उत्पादन होता है। इसमें मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 8400 मिट्रीक टन शहद का उत्पादन होता है। मुजफ्फरपुर में अधिक शहद उत्पादन की सबसे बड़ी वजह यहां लीची के साथ फूल और सरसो की अच्छी खेती है। वहीं, पूर्वी चम्पारण और बेगूसराय में 2500 मिट्रीक टन शहद का उत्पादन होता है।

पूरी खबर- मोंगाबे हिंदी, 19 अप्रैल


मोंगाबे हिंदी, 19 अप्रैल, https://hindi.mongabay.com/2024/04/19/bihar-litchi-production-booms-but-farmers-rely-on-other-states/
 

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