Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | विदेशी आक्रामक पौधों से निपटने में कारगार साबित हो सकते हैं बड़े शाकाहारी जीव

विदेशी आक्रामक पौधों से निपटने में कारगार साबित हो सकते हैं बड़े शाकाहारी जीव

Share this article Share this article
published Published on Jan 15, 2024   modified Modified on Jan 15, 2024

मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की इस वर्ष प्रकाशित ‘बाघ जनगणना’ रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 22 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्रों पर आक्रामक खरपतवार तेजी से फैल रही हैं। वहीं 65 फीसदी इलाका ऐसा है जहां भविष्य में ये विदेशी आक्रामक प्रजातियां पनप सकती हैं।

विदेशी आक्रामक प्रजातियों का तेजी से प्रसार न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में एक पुरानी समस्या है। विदेशी आक्रामक पौधे तेजी से फैलते हैं और स्थानीय प्रजातियों को पनपने का मौका नहीं देते, जिससे जैव विविधता का नुकसान पहुंचता है और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक बार जब आक्रामक प्रजातियां किसी क्षेत्र में उगना शुरू होती हैं, तो उन्हें हटाना चुनौतीपूर्ण और महंगा हो जाता है। बेंगलुरु स्थित अशोका ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड द एनवायरनमेंट (ATREE) की सहायक वरिष्ठ फेलो अंकिला हिरेमथ ने बताया, “आक्रामक प्रजातियों से यहां मतलब तेजी से फैलने वाले विदेशी पौधों या खरपतवार से है। कई बार, तो ये आक्रामक प्रजातियां स्थानीय पौधों के साथ गठजोड़ कर लेती हैं, जिससे उन्हें तेजी से फैलने में मदद मिलती है।” एनटीसीए की रिपोर्ट का अनुमान है कि गंभीर चिंता का कारण बन चुके विदेशी आक्रामक पौधों को हटाने पर कम से कम एक ट्रिलियन रुपये का खर्च आएगा।

लैंटाना कैमारा जैसी आक्रामक पौधों की प्रजातियों से निपटने का एक सामान्य तरीका, विशेष रूप से संरक्षित क्षेत्रों में, उन्हें उखाड़ना और जलाना है। इसमें कार्यबल की जरूरत पड़ती हैं। यह काफी समय लेने वाला और महंगा तरीका है और वैसे भी प्रजातियों की बहुतायत वाले क्षेत्रों में उनका आकलन कर पाना काफी मुश्किल काम है। इनसे छुटकारा पाने के अन्य तरीकों में जैविक तरीके से नियंत्रण शामिल है। आक्रामक आबादी को “नियंत्रित” करने के लिए कीड़ों और अन्य जीवों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा रासायनिक खाद यानी शाकनाशियों के जरिए भी इनसे निजात पाने की कोशिश की जाती है। 
पूरी रपट- मोंगाबे हिंदी


मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी https://hindi.mongabay.com/2024/01/12/megaherbivores-could-be-a-potential-solution-to-manage-invasive-plants-finds-study/
 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close