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न्यूज क्लिपिंग्स् | संतरे की फसल को खरीदने शाजापुर का रुख कर रहे देशभर के व्यापारी

संतरे की फसल को खरीदने शाजापुर का रुख कर रहे देशभर के व्यापारी

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published Published on Dec 15, 2017   modified Modified on Dec 15, 2017
शाजापुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मौसम की मार के चलते इस बार जिले की 80 फीसदी संतरा फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में अनेक किसानों को इस बार मायूसी हाथ लगी है। वहीं जिन किसानों के बगीचे के पौधे संतरे से लदे हुए हैं वे मालामाल हो जाएंगे। दरअसल, इस बार संतरे की कमी के चलते भाव आसमान छुएंगे। इसके चलते बाहर के व्यापारी संतरों का सौदा करने जिले में आने लगे हैं और मुंहमांगे दाम देने को तैयार हैं।


शाजापुर व आगर जिले में करीब 49 हजार हेक्टेयर में संतरा पैदा होता है। यहां का संतरा देश की बड़ी मंडियों में हाथोंहाथ बिकता है। यहां के संतरे ने अपने रंग व स्वाद के चलते अपनी अलग पहचान बनाई है। यह फसल फरवरी-मार्च तक पककर तैयार हो जाएगी लेकिन इस बार असामान्य बारिश की चपेट में आने से फसल पर विपरीत असर पड़ा है। असामान्य बारिश के चलते करीब डेढ़ माह की तान नहीं मिलने के कारण इस बार 80 फीसदी पौधों पर फूल नहीं आए और फल नहीं बन पाए।


इसके चलते इस बार करीब 300 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। फरवरी-मार्च तक संतरा फसल पककर तैयार हो जाती है किंतु इस बार फसल की सेहत बिगड़ गई है और फल नहीं बन पा रहे हैं। संतरा फसल को पूरे मई व जून के आधे माह तक कुल डेढ़ माह की तान यानी गर्मी की आवश्यकता होती है। इस दौरान बारिश हो जाए तो तान डिस्टर्ब हो जाती है। इस मई में एक-दो बार बादल छाने के साथ बारिश हो गई थी।


वहीं प्री-मानसून 1 जून से ही सक्रिय हो गया था। ऐसे में पौधों को पर्याप्त समय तक तान नहीं मिल पाई। इसके चलते पौधों में फूल नहीं आ पाए। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश की असामान्यता से पौधों में कार्बन नाइट्रोजन अनुपात का रेशो गड़बड़ा गया, जबकि संतरे में आने वाले फूल ही फल में तब्दील होते हैं। जब असामान्य बारिश से पौधों को पर्याप्त तान नहीं मिल पाई तो फूल बनने की प्रक्रिया प्रभावित हुई। इसके चलते करीब 80 फीसदी फसल पर फूल नहीं आ पाना चिंता का सबब बन गया।


बगीचे तलाशने करना पड़ रहा परिश्रम


उपज कम होने से सीजन के समय मांग ज्यादा रहने की संभावना है। इसके चलते बाहर के व्यापारी जिले में बगीचों में लग रहे फलों का सौदा करने पहुंचने लगे हैं। सौदा करने आए व्यापारियों को जिले में कम संतरा फसल होने से अच्छे बगीचे तलाशने में ज्यादा परिश्रम करना पड़ रहा है। उन्हें जहां अच्छे फल दिखाई दे रहे हैं वहां वे सौदा कर रहे हैं। जिसके किसानों को अच्छे दाम भी मिल रहे हैं।


व्यापारियों का लग रहा तांता


टांडा देवास के कृषक दिलीपसिंह गुर्जर का 15 बीघा का संतरा बगीचा है। इस बार मौसम की मार के चलते कुछ पौधों में नुकसान भी हुआ तो शेष पौधों से संतरे से लदे हुए हैं। फसल की क्वॉलिटी बेहतर होने से बाहर के व्यापारियों का उनके यहां आकर सौदा करने के लिए तांता लग गया है। इस बार उन्हें पिछले साल से कहीं ज्यादा राशि मिलने की उम्मीद है।


व्यापारी उनके बागीचे के 10 लाख रुपए से ज्यादा की बोली लगा चुके हैं। कृषक गुर्जर को इससे भी ज्यादा राशि मिलने की उम्मीद है। वे बताते हैं कि इस बार सारे पौधों पर फल नहीं आ सके हैं लेकिन जिनमें आए हैं उन्हें लेने के लिए बेहतर भाव मिल रहे हैं। उद्यानिकी विभाग के कमलेश गुर्जर बताते हैं कि जल्दी बारिश की वजह से इस बार संतरा फसल पर नुकसानी हुई है। जहां फसलें अच्छी है, वहां काफी हद तक किसानों को राहत पहुंचाएगी।

 


http://naidunia.jagran.com/madhya-pradesh/shajapur-traders-across-country-come-to-buy-orange-crops-in-shajapur-district-1450997?utm_source=naidunia&utm_medium=navigation


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