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न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकार ने जंगलों से 500 मीटर दूर तेल उत्खनन तकनीक को मंजूरी दी, प्रभावों पर कोई प्राथमिक डेटा नहीं

सरकार ने जंगलों से 500 मीटर दूर तेल उत्खनन तकनीक को मंजूरी दी, प्रभावों पर कोई प्राथमिक डेटा नहीं

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published Published on Dec 22, 2023   modified Modified on Dec 22, 2023

मोंगाबे हिंदी, 22 दिसम्बर 

नए सरकारी नियमों के मुताबिक, जंगलों में प्राकृतिक भंडार से तेल और गैस निकालने के लिए अब परियोजना के डेवलपर्स को वन मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। शर्त बस इतनी है कि खुदाई वन क्षेत्रों के बाहर की जाएगी।

12 सितंबर को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक पत्र जारी कर कहा कि एक्सटेंडेड रीच ड्रिलिंग (तेल और गैस उत्खनन की एक तकनीक) को वन मंजूरी प्रक्रिया से छूट दी जाएगी और उत्खनन के लिए विस्तृत क्षेत्रीय दिशा निर्देश भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी किए जाएंगे। दरअसल एक्सटेंडेड रीच ड्रिलिंग (ईआरडी) में ढलान पर एक क्षैतिज कुआं खोदा जाता है जिसकी लंबाई उसकी गहराई से कम से कम दुगनी होती है। यहां खुदाई से कुछ दूरी पर गैस और तेल का उत्खनन किया जाता है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से जुड़ा हुआ विभाग ‘हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय’ (डीजीएच) ने 2020 में ईआरडी को वन मंजूरी प्रक्रिया से छूट देने पर जोर दिया था। उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि यह तकनीक जंगलों में जाने या वन भूमि को छेड़े बिना भंडार तक पहुंच संभव बनाती है।

भारत में अब तक वनों पर ईआरडी के प्रभावों का मूल्यांकन करने वाला कोई अध्ययन नहीं किया गया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के अनुसार, वन क्षेत्रों के भीतर इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर डेटा इकट्ठा करने, रिपोर्ट तैयार करने और सिफारिशें करने में तीन साल लगेंगे। फिर भी पर्यावरण मंत्रालय ने डीजीएच की एक रिपोर्ट पर अपना निर्णय लेते हुए छूट दे दी, जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। वैसे मंत्रालय ने पिछले साल ही ईआरडी के लिए “सैद्धांतिक” मंजूरी दे दी थी, जिससे औपचारिक छूट का रास्ता साफ हो गया था।

साल 2013 में शोधकर्ताओं ने लैटिन अमेरिका के अन्य क्षेत्रों का हवाला देते हुए पेरू में अमेज़ॅन जंगल में तेल उत्खनन के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए एक शमन रणनीति के रूप में ईआरडी का प्रस्ताव दिया था। लैटिन अमेरिका में इस तकनीक को इस्तेमाल में लाया गया था। भारत में अध्ययन और डेटा के अभाव में परियोजना डेवलपर्स को वन क्षेत्रों में ईआरडी करते समय डब्ल्यूआईआई द्वारा निर्धारित नियमों को मानना होगा। 

पूरी रपट- मोंगाबे हिंदी


मोंगाबे हिंदी, 22 दिसम्बर https://hindi.mongabay.com/2023/12/22/with-no-primary-data-on-impacts-government-approves-an-oil-extraction-technique-500-m-outside-forests/
 

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