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न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच से कैसे रोहिंग्या शरणार्थी प्रभावित हो रहे हैं?

सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच से कैसे रोहिंग्या शरणार्थी प्रभावित हो रहे हैं?

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published Published on Feb 22, 2024   modified Modified on Feb 22, 2024

इंडियास्पेंड, 22 फरवरी

अपनी चेकदार लूंगी का एक हिस्सा मोड़कर पड़ोस के अस्थायी तंबू के पास पैर फैलाकर बैठे हैं और अपने अंगूठे पर लगे खुले घाव पर मक्खियों को बैठने से रोक रहे हैं। यह अगस्त की सुबह है और हम बेंगलुरू में हैं।

वसीम कचरा बीनने का कार्य करते हैं। जहां वह बैठे हैं वह खुली जगह है और वहां से लगातार वाहनें गुजर रही हैं, जिससे उनको ठंड भी लग रही है। वह अपनी चोट के कारण लगभग एक सप्ताह से असहनीय दर्द से जूझ रहे हैं। अपर्याप्त दवा और इलाज ने इसे और बदतर बना दिया है।

एक रोहिंग्या शरणार्थी के रूप में 35 वर्षीय वसीम ने अपने जीवन का एक दशक हिंसा और अनिश्चितता के बीच में ही बिताया है। उनके पैर में एक गोली भी लगी थी, जो अब भी उन्हें पश्चिमी म्यांमार के राखीन राज्य में उनके समुदाय पर होने वाले उत्पीड़न की लगातार याद दिलाती है। यही कारण है कि वह अपना घर-देश छोड़कर भारत चले आए हैं और किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं। हालांकि इस ताजा चोट ने उन्हें चिंतित कर दिया है।

जब से उन्हें चोट लगी है, वह तीन बार अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं। दो बार उन्हें प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ा है और एक बार वह किसी तरह अपनी बस्ती से लगभग 5 किमी दूर सरकारी अस्पताल भी गए हैं।

उन्होंने बताया, “मुझे अपने घाव की मरहम पट्टी कराने और कुछ दवाएं लेने के लिए 800 रुपये खर्च करने पड़े, जो मैंने उधार लिए थे। जब मैं सरकारी अस्पताल गया तो उन्होंने मुझे प्राइवेट अस्पताल से एक्स-रे कराने के लिए कहा, क्योंकि वहां भीड़ थी। जब मैं दोबारा अस्पताल गया, तो उन्होंने मुझे कुछ दवाईयां दीं। मेरे पास पैसे नहीं थे, इसलिए मैंने एक्स-रे की लागत के बारे में जानने की हिम्मत भी नहीं की।”

वसीम अब कोई भी काम करने में असमर्थ हैं। उन्हें चिंता है कि वह अपने आठ लोगों के परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे, जो उनकी लगभग 8,000 रुपये प्रतिमाह की कमाई पर निर्भर हैं।
पूरी खबर- इंडियास्पेंड


इंडियास्पेंड, 22 फरवरी https://indiaspendhindi.com/health/how-rohingya-refugees-are-impacted-by-limited-access-to-healthcare-895935
 

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